थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर चल रहा तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को हालात तब और भी गंभीर हो गए, जब रात भर चली जोरदार गोलाबारी ने थाईलैंड के बुरिराम प्रांत के आसमान को लाल रंग में रंग दिया। कंबोडियाई सेना ने देर रात थाई क्षेत्रों को निशाना बनाते हुए लगातार तोपों और मोर्टार से हमला किया, जिसके जवाब में थाई सेना को जवाबी कार्रवाई शुरू करनी पड़ी। रात भर धमाकों की आवाज़ें गूँजती रहीं, जिसने सीमावर्ती इलाकों में दहशत पैदा कर दी।
चौथे दिन भी जारी झड़पें और नुकसान
यह झड़पें अब चौथे दिन में प्रवेश कर चुकी हैं, लेकिन इनके कम होने के कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। सीमा पार हमलों में कंबोडियाई क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण ढांचे क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें बान क्रुआत जिले के चोंग सा ता कु अस्थायी सीमा पोस्ट के ठीक सामने स्थित एक बड़ा कसीनो और एक तेल भंडारण केंद्र भी शामिल है।
दोनों देशों ने पिछले साल नवंबर में एक विस्तृत सीजफायर डील पर सहमति जताई थी, लेकिन उसके डेढ़ महीने बीतने के बाद ही दोनों पक्षों ने फिर से हमले शुरू कर दिए हैं। यह ताज़ा संघर्ष, जुलाई में हुए पाँच दिवसीय संघर्ष के बाद की सबसे तेज़ झड़पें मानी जा रही हैं।
ट्रंप का दावा: एक फोन कॉल से सुलझेगा मसला
इस बढ़ते संघर्ष को लेकर जब व्हाइट हाउस में पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सवाल किया, तो उन्होंने अत्यंत आत्मविश्वास से जवाब दिया। ट्रंप ने दावा किया कि वह जल्दी ही फोन पर बात करने वाले हैं और यह मसला फटाफट हल हो जाएगा। ऐसा प्रतीत होता है कि ये दोनों दक्षिण-पूर्व एशियाई देश अमेरिकी राष्ट्रपति की उसी हाई-प्रोफाइल फोन कॉल का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बारे में ट्रंप खुद दावा कर रहे हैं।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जुलाई में भी पाँच दिनों तक चले भयंकर संघर्ष को रोकने में ट्रंप ने एक अहम भूमिका निभाई थी। उस समय उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को सीधे फोन करके चेतावनी दी थी कि अगर गोलीबारी नहीं रुकी, तो अमेरिका उनके साथ व्यापार (ट्रेड) बंद कर देगा। इस बार भी, दोनों देश एक अमेरिकी हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं, जो इस क्षेत्रीय संघर्ष को विराम दे सके।
817 किलोमीटर लंबी सीमा पर संघर्ष
यह ताज़ा लड़ाई इतनी बढ़ गई है कि बुधवार को 817 किलोमीटर लंबी सीमा के 12 से भी अधिक स्थानों पर जोरदार संघर्ष की खबरें सामने आईं। दोनों देश एक-दूसरे पर संघर्ष भड़काने का आरोप लगा रहे हैं।
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कंबोडिया का दावा है कि थाई सेना जानबूझकर उनके गाँवों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बना रही है।
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थाई सेना का कहना है कि कंबोडियाई बलों ने पहले रॉकेट और भारी तोपखाने से हमला किया, जिसके बाद उन्हें जवाब देना पड़ा।
हालात की गंभीरता को देखते हुए, सीमाई इलाकों से हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं, और दोनों देशों की सेनाओं ने सीमा पर अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात कर दी हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस संघर्ष पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहा है, क्योंकि यह क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है।