22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए अपनी सख्त मंशा जाहिर कर दी है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत और कई के घायल होने के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। भारत ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए पांच बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें सबसे अहम है सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना और पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश देना। आइए जानते हैं इन कदमों के बारे में विस्तार से।
पाकिस्तानियों के लिए वीजा रद्द और देश छोड़ने का आदेश
भारत सरकार ने पाकिस्तान के 12 श्रेणियों के शॉर्ट-टर्म वीजा धारकों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था। वहीं मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ने की मोहलत दी गई थी। जिन वीजा श्रेणियों के लोगों को देश छोड़ने को कहा गया, उनमें आगमन पर वीजा, व्यवसाय, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, आगंतुक, समूह पर्यटक, तीर्थयात्री और समूह तीर्थयात्री शामिल हैं।
सरकार का निर्देश था कि निर्धारित समयसीमा के भीतर अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक भारत नहीं छोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें गिरफ्तारी, मुकदमा और तीन साल तक की जेल या तीन लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है।
537 पाकिस्तानी नागरिक लौटे वतन
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, अटारी-वाघा बॉर्डर चौकी से पिछले तीन दिनों में 537 पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़कर पाकिस्तान लौट चुके हैं। वहीं 1387 भारतीय नागरिक भी पाकिस्तान से भारत वापस आए हैं। अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर तैनात प्रोटोकॉल ऑफिसर अरुण ने बताया कि 29 अप्रैल तक सभी वीजा धारकों को भारत छोड़ना आवश्यक था और इस दिशा में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
अलग-अलग दिनों में कितने पाकिस्तानी लौटे?
24 से 27 अप्रैल तक भारत-पाकिस्तान के बीच नागरिकों की वापसी का आंकड़ा कुछ इस प्रकार रहा:
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24 अप्रैल: 28 पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान लौटे, 105 भारतीय भारत आए।
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25 अप्रैल: 191 पाकिस्तानी नागरिक वापस गए, 287 भारतीय भारत लौटे।
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26 अप्रैल: 75 पाकिस्तानी नागरिक लौटे, 335 भारतीय भारत आए।
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27 अप्रैल: 237 पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान लौटे, 116 भारतीय भारत आए।
यह आंकड़े बताते हैं कि भारत सरकार द्वारा दिए गए आदेश का व्यापक स्तर पर पालन किया गया है।
सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला
भारत ने सिंधु जल संधि 1960, जो अब तक भारत-पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता रही थी, उसे भी निलंबित करने का निर्णय लिया है। इस संधि के तहत भारत ने अब तक पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी का एक बड़ा हिस्सा देने का वचन निभाया था। लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने साफ कर दिया है कि अब यह सहन नहीं किया जाएगा। इससे पाकिस्तान को भविष्य में गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
आगे क्या होगा?
हालांकि 537 पाकिस्तानी नागरिक स्वदेश लौट चुके हैं, फिर भी कुछ पाकिस्तानी नागरिक अब भी भारत में रुके हुए हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन लोगों ने तय समयसीमा तक भारत नहीं छोड़ा, उनके खिलाफ आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम 2025 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत दोषियों को तीन साल की जेल और तीन लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने न केवल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने की रणनीति अपनाई है, बल्कि घरेलू स्तर पर भी त्वरित और कड़े फैसले लिए हैं। सिंधु जल संधि को निलंबित करना और पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का आदेश इस दिशा में भारत के सख्त रवैये का संकेत है। आने वाले दिनों में भारत की ओर से और भी कड़े कदम देखने को मिल सकते हैं।