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ITR Refund Delay: महीनों बाद भी रिफंड नहीं, क्यों अटका पड़ा है लाखों टैक्सपेयर्स का पैसा?

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Posted On:Thursday, December 11, 2025

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की 16 सितंबर की अंतिम तारीख बीते कई महीने हो चुके हैं। अधिकांश टैक्सपेयर्स को उनका रिफंड समय पर मिल गया है, लेकिन अब भी देशभर में लाखों लोग ऐसे हैं जिन्हें रिफंड का इंतजार बना हुआ है। कई लोग हर दूसरे दिन पोर्टल खोलकर स्टेटस चेक कर रहे हैं, ITR सबमिशन को क्रॉस-वेरिफाई कर रहे हैं, लेकिन फिर भी न रिफंड मिल रहा है और न ही विभाग की तरफ से कोई अपडेट। इससे टैक्सपेयर्स की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।

क्यों हो रही है रिफंड में देरी?

इस सवाल का जवाब नवंबर में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेशन (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने दिया था। उनका कहना था कि कुछ रिफंड क्लेम्स को सिस्टम ने “हाई-वैल्यू” या “रेड-फ्लैग्ड” कैटेगरी में डाल दिया है। इसका मतलब है कि ऐसे रिटर्न या तो बड़ी रकम के हैं या फिर इनमें किसी विशेष प्रकार के डिडक्शन को लेकर शक की स्थिति है। CBDT चीफ ने टैक्सपेयर्स से यह भी कहा था कि यदि किसी को अपने रिटर्न में गलती का संदेह है, तो वे रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने का विकल्प चुन सकते हैं।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार, ITR को ई-वेरिफाई करने के बाद ही रिफंड प्रोसेसिंग शुरू होती है। सामान्यत: रिफंड 4–5 हफ्तों में अकाउंट में आ जाता है। लेकिन यदि देरी हो रही है, तो उसकी कुछ खास वजहें हो सकती हैं—

1. बैंक अकाउंट की जानकारी में गलती

रिफंड डिले की सबसे आम वजह है बैंक संबंधी गड़बड़ियाँ।

  • अकाउंट नंबर गलत

  • IFSC कोड गलत

  • अकाउंट प्री-वैलिडेट न होना

इनमें से किसी भी गलती के कारण रिफंड रुक सकता है। इसलिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर अपने बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट जरूर कर लें।

2. PAN–Aadhaar लिंक न होना

यदि टैक्सपेयर्स का PAN और Aadhaar लिंक नहीं है, या दोनों में नाम, जन्मतिथि या अन्य जानकारी में अंतर है, तो रिफंड प्रोसेसिंग रुक सकती है। विभाग पहले डेटा मैच करता है और मिसमैच होने पर रिफंड होल्ड पर डाल दिया जाता है।

3. ITR और AIS/26AS की जानकारी में अंतर

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी ओर से फॉर्म 26AS और AIS में मौजूद डेटा से आपके द्वारा फाइल किए गए ITR की जानकारी को मैच करता है।

यदि—

  • TDS mismatch

  • Interest income mismatch

  • Foreign income mismatch
    जैसी गलतियाँ मिलती हैं, तो रिफंड तुरंत प्रोसेस नहीं किया जाता।

4. गलत डिडक्शन या क्रेडिट क्लेम करना

अक्सर टैक्सपेयर्स 80C, 80D, HRA या अन्य सेक्शन्स में अत्यधिक डिडक्शन दिखाते हैं। यदि सिस्टम को यह जानकारी संदिग्ध लगती है, तो रिटर्न स्क्रूटनी में चला जाता है और रिफंड तब तक रोका जाता है जब तक सही दस्तावेज जमा नहीं किए जाते। यह भी संभव है कि विभाग ने आपको ई-कैम्पेन या नोटिस भेजा हो और आपने उसका जवाब न दिया हो।

कैसे करें ITR Refund Status चेक?

यदि आपका रिफंड अभी भी नहीं आया है, तो आप आसानी से उसका स्टेटस खुद चेक कर सकते हैं—

स्टेप 1:

इनकम टैक्स पोर्टल पर जाएं:
eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/

स्टेप 2:

अपनी यूज़र ID (PAN) और पासवर्ड से लॉग-इन करें।

स्टेप 3:

ऊपर ‘e-File’ टैब पर क्लिक करें।

स्टेप 4:

अब ‘Income Tax Returns’ पर क्लिक करें और फिर
View Filed Returns चुनें।

स्टेप 5:

सही Assessment Year चुनें और View Details खोलें।
यहाँ आपको आपके रिफंड का सटीक स्टेटस दिखाई देगा।

क्या करें अगर रिफंड फिर भी न मिले?

  • अपने बैंक अकाउंट को दोबारा प्री-वैलिडेट करें

  • PAN–Aadhaar लिंक स्टेटस चेक करें

  • AIS और 26AS को ITR से मैच करें

  • यदि गलती मिलती है तो रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करें

  • यदि विभाग ने नोटिस भेजा है तो उसका जवाब जल्द दें


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