भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह एक महत्वपूर्ण दौरे पर अफ्रीकी देश इथियोपिया जाने वाले हैं। पिछले एक दशक में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला इथियोपिया दौरा है, जो इस देश के प्रति भारत के बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक हितों को दर्शाता है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया की प्रमुख शक्तियाँ, विशेष रूप से चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और खाड़ी देश, अफ्रीकी महाद्वीप में अपना प्रभाव और पैठ बनाने की होड़ में हैं।
इथियोपिया, जिसे अक्सर "अफ्रीका का दिल" कहा जाता है, व्यापार और निवेश के दृष्टिकोण से भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
व्यापार और निवेश: भारत की मजबूत उपस्थिति
ये आँकड़े इथियोपिया को भारत के लिए अफ्रीका के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदारों में से एक बनाते हैं।
इथियोपिया: 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' का सामरिक केंद्र
इथियोपिया 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' पर स्थित एक भू-आबद्ध (landlocked) देश है और अफ्रीका का सबसे बड़ा तथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। इसकी रणनीतिक भौगोलिक स्थिति इसे अफ्रीकी महाद्वीप का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाती है।
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राजधानी: अदीस अबाबा (Addis Ababa)
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पड़ोसी देश: पूर्व में जिबूती और सोमालिया, पश्चिम में सूडान और दक्षिण सूडान, उत्तर में इरिट्रिया, और दक्षिण में केन्या।
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यह मुस्लिम और ईसाई बहुल आबादी वाला देश है।
इथियोपिया का अतीत भी गौरवशाली रहा है। यह एकमात्र अफ्रीकी राष्ट्रों में से एक है जिस पर औपनिवेशिक काल में इटली का पूरी तरह से कब्जा नहीं हो सका। संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर करने वाला यह सबसे पहला देश था।
पुराने राजनयिक संबंध: 2000 वर्षों का इतिहास
भारत और इथियोपिया के बीच राजनयिक संबंध अत्यंत प्राचीन हैं, जो लिखित दस्तावेजों के अनुसार 2,000 साल से भी अधिक पुराने हैं।
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प्राचीन व्यापार: व्यापारिक संबंध पहली शताब्दी ईस्वी के दौरान अक्सुमी साम्राज्य के समय खूब फले-फूले।
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आजादी में भूमिका: भारतीय सैनिकों ने 1941 में इथियोपिया को इटली से आज़ाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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आधुनिक संबंध: भारत ने 1948 में इथियोपिया में अपना पहला दूतावास स्थापित किया, और 1950 में पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित हुए। सरदार संत सिंह भारत के पहले राजदूत थे।
वर्तमान में, दोनों देशों के बीच हवाई सेवा, तकनीकी, आर्थिक और वैज्ञानिक सहयोग, तथा सूक्ष्म बांधों और लघु सिंचाई योजनाओं में सहयोग जैसे कई समझौते पहले से ही लागू हैं।
क्षेत्रीय भू-राजनीति में इथियोपिया
इथियोपिया को अब तक चीन और सऊदी अरब का करीबी माना जाता रहा है। यह चीन से सबसे अधिक सामान आयात करता है, जबकि अपने उत्पादों का सबसे ज्यादा निर्यात सऊदी अरब को करता है।
पीएम मोदी का दौरा भारत को इस क्षेत्रीय भू-राजनीतिक समीकरण में एक मजबूत स्थान दिलाने और अपने हितों को सुरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दौरा न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि अफ्रीका में चीन और अन्य शक्तियों की बढ़ती उपस्थिति के बीच भारत अपनी रणनीतिक जगह बनाए रखे।