कोरियाई प्रायद्वीप के पास हालात एक बार फिर गंभीर होते नजर आ रहे हैं। दक्षिण कोरिया और अमेरिका द्वारा संयुक्त सैन्य गतिविधियों को तेज किए जाने के बाद उत्तर कोरिया ने भी अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में उत्तर कोरिया ने दो रणनीतिक लंबी दूरी वाली क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया है, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने रविवार को येलो सी (पीला सागर) की ओर दो क्रूज मिसाइलें दागीं। इस अहम सैन्य अभ्यास के दौरान देश के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने मिसाइल परीक्षण की पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण किया और बाद में इसका रिव्यू भी लिया।
दो घंटे तक हवा में उड़ती रहीं मिसाइलें
KCNA की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये क्रूज मिसाइलें अपने लक्ष्य को भेदने से पहले करीब दो घंटे तक आसमान में मंडराती रहीं। रिपोर्ट के अनुसार, मिसाइलों ने पूर्व निर्धारित मार्ग का पालन करते हुए लंबी दूरी तय की और अंत में अपने टारगेट को सटीकता के साथ हिट किया। उत्तर कोरियाई मीडिया ने इस मिसाइल परीक्षण का वीडियो भी जारी किया है, जिसमें लॉन्च से लेकर लक्ष्य पर वार तक का पूरा दृश्य देखा जा सकता है।
वीडियो जारी होने के बाद उत्तर कोरिया ने इसे अपनी मिसाइल तकनीक की बड़ी सफलता बताया है। किम जोंग उन ने इस परीक्षण पर गहरा संतोष व्यक्त किया और वैज्ञानिकों व सेना की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस तरह के परीक्षण देश की रक्षा क्षमता को और मजबूत करते हैं।
दक्षिण कोरिया ने की पुष्टि
उत्तर कोरिया के इस दावे की पुष्टि दक्षिण कोरिया के ज्वॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने भी की है। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह करीब 8 बजे प्योंगयांग के पास सुनान इलाके से कई क्रूज मिसाइलें दागी गईं। दक्षिण कोरिया की सेना ने इन मिसाइलों की उड़ान पर नजर रखी और पूरी जानकारी अमेरिका के साथ साझा की।
दक्षिण कोरिया ने साफ किया है कि वह उत्तर कोरिया की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका की कड़ी चेतावनी
मिसाइल परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सियोल ने कहा कि वह अमेरिका के साथ मिलकर अपनी सैन्य तैयारियों को और मजबूत कर चुका है। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि उत्तर कोरिया के किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए संयुक्त सेनाएं पूरी तरह तैयार हैं।
वहीं, उत्तर कोरिया का कहना है कि यह मिसाइल परीक्षण पूरी तरह से रक्षात्मक उद्देश्य से किया गया है। प्योंगयांग के अनुसार, अमेरिका और दक्षिण कोरिया की संयुक्त सैन्य कवायदों से उसकी सुरक्षा को खतरा महसूस हो रहा है, इसी वजह से वह अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत कर रहा है।
परमाणु पनडुब्बी की ओर बढ़ता उत्तर कोरिया
इस मिसाइल परीक्षण से पहले उत्तर कोरिया ने एक और बड़ा खुलासा किया था। देश ने बताया था कि वह परमाणु संपन्न पनडुब्बी बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। KCNA के मुताबिक, किम जोंग उन ने हाल ही में एक पनडुब्बी निर्माण स्थल का दौरा किया था और वहां चल रहे काम की समीक्षा की थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी बनाने में सफल हो जाता है, तो इससे उसकी सैन्य क्षमता में कई गुना इजाफा होगा। इससे न सिर्फ दक्षिण कोरिया और जापान की चिंताएं बढ़ेंगी, बल्कि अमेरिका समेत अन्य देशों के लिए भी यह एक बड़ी रणनीतिक चुनौती बन सकती है।
क्षेत्रीय और वैश्विक चिंता
उत्तर कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षण और नए हथियारों के विकास ने कोरियाई प्रायद्वीप को एक बार फिर वैश्विक चिंता का केंद्र बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पहले ही प्योंगयांग पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुका है, लेकिन इसके बावजूद उत्तर कोरिया अपनी सैन्य गतिविधियों को लगातार आगे बढ़ा रहा है।