दिसंबर 2025 के अंतिम दिनों में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष एक नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आधिकारिक आवास पर हुए कथित यूक्रेनी ड्रोन हमले ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में खलबली मचा दी है। इस घटना ने न केवल युद्ध की तीव्रता को बढ़ा दिया है, बल्कि चल रही शांति वार्ताओं के भविष्य पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
पाकिस्तान की कड़ी निंदा और वैश्विक प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक 'जघन्य कृत्य' करार दिया। प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा, "हम रूसी राष्ट्रपति के आवास को निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसे कृत्य उस समय शांति प्रयासों को कमजोर करते हैं जब दुनिया स्थिरता की उम्मीद कर रही है।" पाकिस्तान ने इस संकट की घड़ी में रूस की सरकार और जनता के साथ एकजुटता जाहिर की है।
रूस का दावा: 91 ड्रोनों का हमला और जवाबी चेतावनी
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सोमवार (29 दिसंबर 2025) को सनसनीखेज दावा किया कि यूक्रेन ने नोवगोरोड क्षेत्र में स्थित पुतिन के आवास पर 91 लंबी दूरी के ड्रोनों से हमला करने की कोशिश की। लावरोव के मुख्य बिंदु इस प्रकार रहे:
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सफल सुरक्षा: रूसी वायु रक्षा प्रणाली ने सभी ड्रोनों को समय रहते मार गिराया।
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कठोर जवाब की चेतावनी: लावरोव ने स्पष्ट किया कि रूस इस 'लापरवाह हरकत' को नजरअंदाज नहीं करेगा और जवाबी कार्रवाई के लिए लक्ष्यों का चयन पहले ही किया जा चुका है।
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रणनीति में बदलाव: उन्होंने संकेत दिया कि हालांकि रूस शांति वार्ता से पीछे नहीं हटेगा, लेकिन अब उसकी मोलभाव करने की रणनीति (Negotiation Strategy) को बदला जाएगा।
यूक्रेन का पलटवार: "यह एक प्रोपेगेंडा है"
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। जेलेंस्की का कहना है कि रूस का यह दावा पूरी तरह से मनगढ़ंत और झूठ है। यूक्रेन ने आरोप लगाया कि रूस इस तरह के 'झूठे फ्लैग ऑपरेशन्स' (False Flag Operations) के जरिए कीव में सरकारी इमारतों और नागरिक ठिकानों पर बड़े हमलों के लिए आधार तैयार कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का भी मानना है कि रूस ने अब तक इस हमले के कोई पुख्ता डिजिटल या भौतिक साक्ष्य पेश नहीं किए हैं।
पुतिन और ट्रंप की बातचीत: शांति वार्ता का नया समीकरण
इस तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटनाक्रम राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई फोन कॉल रही।
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रूस का रुख: पुतिन ने ट्रंप से कहा कि ड्रोन हमले के बाद अब रूस शांति प्रस्तावों की समीक्षा करेगा।
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अमेरिका का दबाव: क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उशाकोव के अनुसार, ट्रंप प्रशासन अब यूक्रेन पर दबाव बना रहा है कि वह 'अस्थायी युद्धविराम' के बजाय 'स्थायी समाधान' की दिशा में आगे बढ़े।
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चिंता: रूस को डर है कि यूक्रेन शांति प्रस्तावों की व्याख्या अपने पक्ष में इस तरह कर सकता है जिससे उसे फिर से सैन्य शक्ति जुटाने का समय मिल जाए।