मुंबई, 22 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अब साल खत्म होने में बस कुछ दिनों का ही फासला है। हमने यह साल शुरू होने से पहले खुद से काफी सारे वादे किए होंगे जिन्हें हो सकता है, हमने निभाया हो या फिर हम अपने आदतों से मजबूर होकर उन्हें भूल गया हो। और इस साल हमने कुछ आदतों को अपनाया भी होगा, तो यही उचित समय है कि जब हम बैठकर इस बात पर विचार करें और खुद का खुद से ही मूल्यांकन करें। आइए देखते हैं कुछ आदतें जिन्होंने हमें सफल होने से रोका और कैसे हम उन्हें छोड़ सकते हैं।
बहाने बनाना :
किसी चीज को ना हासिल कर पाने का पहला कारण है कि हम परिणाम से बचने के लिए पहले ही बहाने बनाने लगते हैं। अगर आप में भी यह आदत है तो इसे जल्द से जल्द पता करें और बहाना बनाना छोड़ने के लिए प्रयत्न करें। हालांकि इस क्षेत्र में खुद का मूल्यांकन करना बहुत ही कठिन है और एक बार मूल्यांकन करने के बाद इस पर काबू पाना आसान है।
मौके को मना करना :
किसी भी मौके को उसका परिणाम जाने बिना मना करना भी एक हारने का कारण हो सकता है। हमें किसी भी मौके को ठुकराना नहीं चाहिए चाहे भले ही उसमें हार निश्चित हो, हार कर भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। हिस्सा लेना जीतने से कहीं ज्यादा जरूरी है।
हारने से पहले हार मान लेना :
बचपन में सभी ने WWE की प्रतियोगिता को देखा होगा, उसमें जॉन सीना नामक एक खिलाड़ी का स्टेटमेंट “नेवर गिव अप” हमें यही बात बताता है। परिस्थितियां चाहे कितनी ही विपरीत क्यों ना हो हमें हार नहीं मानना चाहिए। हमें खुद को यकीन दिलाना चाहिए कि अभी भी जीत संभव है और यदि आपने पूरे मन से मान लिया तो हारना नामुमकिन है।
मद्यपान या धूम्रपान करना :
“हेल्थ इज वेल्थ” यह एक बहुत ही पुराना स्टेटमेंट है जिसमें स्वास्थ्य को धन से भी ऊपर रखा गया है। यदि आप में भी यह आदत है तो उसे जल्द से जल्द छोड़ने की कोशिश करें।