भारतीय क्रिकेट में इन दिनों सिर्फ प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों और कोच के रिश्ते भी सुर्खियों में हैं। खासकर गौतम गंभीर और श्रेयस अय्यर के बीच संबंधों को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। इस विवाद ने तब और तूल पकड़ लिया जब एशिया कप 2025 के लिए श्रेयस अय्यर को टीम में शामिल नहीं किया गया। इस फैसले ने सवाल खड़े कर दिए कि क्या व्यक्तिगत समीकरण इस चयन के पीछे हैं?
अब इस मुद्दे पर एक नया मोड़ तब आया जब पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने एक साक्षात्कार के दौरान इस रिश्ते को लेकर अहम खुलासा किया। उन्होंने न सिर्फ गौतम गंभीर और अय्यर के बीच समीकरण पर बात की, बल्कि शुभमन गिल के नाम को भी इस संदर्भ में जोड़ा है।
मनोज तिवारी का बड़ा बयान
क्रिकट्रैकर को दिए इंटरव्यू में मनोज तिवारी, जो खुद गौतम गंभीर के साथ लंबे समय तक ड्रेसिंग रूम साझा कर चुके हैं, ने कहा:
“मुझे लगता है कि श्रेयस अय्यर आने वाले समय में भारतीय टीम की कप्तानी करेंगे, और वो भी लंबे समय के लिए। लेकिन उस समय वो शुभमन गिल के साथ कप्तानी की रेस में होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर गिल को अय्यर से ज्यादा पसंद करते हैं।”
इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि टीम के भीतर नेतृत्व को लेकर एक अदृश्य खींचतान शुरू हो चुकी है, जिसमें कोच की पसंद-नापसंद की भूमिका अहम हो सकती है।
क्या वाकई है मतभेद?
गौरतलब है कि श्रेयस अय्यर को एशिया कप 2025 के स्क्वॉड से बाहर रखा गया, जबकि उन्होंने फिटनेस टेस्ट पास किया था और घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया था। दूसरी ओर, शुभमन गिल को लगातार मौके मिलते रहे हैं, भले ही उनका हालिया प्रदर्शन औसत रहा हो।
गौतम गंभीर का गिल के प्रति झुकाव समझा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के मेंटर के रूप में गिल के साथ काम किया है, और अब भारतीय टीम में उन्हें भविष्य के लीडर के रूप में देखा जा रहा है।
कप्तानी को लेकर बढ़ेगी होड़?
मनोज तिवारी के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि आने वाले वर्षों में भारतीय टीम के नेतृत्व को लेकर श्रेयस अय्यर बनाम शुभमन गिल की टक्कर देखने को मिल सकती है। और इसमें हेड कोच गौतम गंभीर की भूमिका निर्णायक हो सकती है।
यदि गंभीर का झुकाव गिल की ओर है, तो अय्यर के लिए खुद को साबित करना और टीम में अपनी जगह पक्की करना एक कठिन चुनौती हो सकता है। यह संघर्ष केवल बल्लेबाजी या आंकड़ों का नहीं, बल्कि विश्वास और समर्थन का भी होगा।
निष्कर्ष
गौतम गंभीर और श्रेयस अय्यर के बीच कथित तनाव की चर्चा अब सिर्फ सोशल मीडिया की गॉसिप नहीं रही। मनोज तिवारी जैसे पूर्व खिलाड़ी के बयान से यह बात और मजबूत हो गई है कि टीम इंडिया के अंदर कुछ खामोश लेकिन महत्वपूर्ण समीकरण चल रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अय्यर इस माहौल में खुद को दोबारा स्थापित कर पाते हैं, या गिल कोच के समर्थन से टीम की अगली लीडरशिप की कमान संभालते हैं।