मुंबई, 22 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। एसआई भर्ती 2021 पेपरलीक मामले में जेल में बंद राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा की सरकारी गवाह बनने और क्षमादान चाहने के प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जयपुर महानगर द्वितीय की एडीजे-1 अदालत ने कटारा का प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए कहा कि कटारा को सरकारी गवाह बनाए बिना भी फाइल में पर्याप्त सबूत हैं। दरअसल, बाबूलाल कटारा सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में अप्रेल 2023 में गिरफ्तार हुआ था। तब से ही वह जेल में बंद है। एसआई भर्ती पेपरलीक मामले में पूर्व सदस्य रामू राम राईका की गिरफ्तारी के बाद उसने एसओजी को बताया था कि उसे पेपर कटारा से मिला था। जिसके बाद एसओजी ने उसे जेल से इस मामले में भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद कटारा ने सरकारी गवाह बनने की मंशा जताते हुए क्षमादान मांगा था जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। जिसकी अपील कटारा ने जिला न्यायालय में की थी।
तो वहीं, अदालत ने कहा कि मामले में 67 लोगों के खिलाफ चालान पेश हो चुका है। कटारा को अन्य आरोपी रामूराम राइका व अन्य के साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार किया गया था और अन्य आरोपी कटारा से पहले गिरफ्तार हो चुके थे। इसके अलावा मामले में ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं कि कटारा को सरकारी गवाह बनाए बिना भी फाइल पर पर्याप्त साक्ष्य हैं। अदालत ने मामले में निचली अदालत के कटारा का प्रार्थना पत्र खारिज करने के आदेश को सही माना। कटारा ने सीआरपीसी की धारा 306 के तहत पेश प्रार्थना पत्र में कहा था कि वह स्वेच्छा से माफी गवाह बनने का इच्छुक है। वह घटना को लेकर अदालत के समक्ष साक्ष्य पेश करने की इच्छा रखता है। ऐसे में उसे क्षमादान दिया जाए। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसने निचली अदालत में भी यह प्रार्थना पत्र पेश किया था। जिसका जांच एजेंसी ने विरोध नहीं किया था। ऐसे में निचली अदालत ने उसका प्रार्थना पत्र गलत तरीके से खारिज किया है। मामले में फिलहाल अनुसंधान लंबित है। इसलिए उसे माफी गवाह बनाकर क्षमादान दिया जाए। वहीं मामले के परिवादी नियाज मोहम्मद खान की ओर से कहा गया कि यदि कटारा महत्वपूर्ण साक्ष्य देता है तो उसे कोई ऐतराज नहीं है।