भारत में मानसून की दस्तक हो चुकी है और देश के कई हिस्सों में मौसम में बदलाव तेजी से महसूस किया जा रहा है। जून के शुरुआत में ही उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और अन्य क्षेत्रों में भी मौसम के बदलाव की झलक देखने को मिली है। देश के कई इलाकों में बारिश शुरू हो चुकी है, जो मानसून की सक्रियता का संकेत है। इस बीच, मौसम विभाग ने पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की संभावना जताई है। आइए आज के मौसम के हाल पर एक नजर डालते हैं और जानते हैं कि देशभर में आज का मौसम कैसा रहेगा।
मानसून की प्री-गतिविधियां और बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने 3 से 4 जून के बीच भारत में प्री-मानसूनी गतिविधियों की संभावना जताई है, खासकर हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा में हल्की से मध्यम बारिश के संकेत मिले हैं। इन इलाकों में गर्मी के साथ-साथ बारिश के चलते तापमान में भी बदलाव देखा जा सकता है। यह बारिश मानसून की शुरुआत से पहले की तैयारी है, जिससे खेती, जल स्रोत और सामान्य पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट
उत्तराखंड में बारिश के कारण मौसम कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने देहरादून समेत 9 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। देहरादून, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में भारी से लेकर हल्की बारिश की संभावना है। इससे न केवल पर्यावरण खुशहाल होगा, बल्कि पहाड़ी इलाकों में पर्यटन और कृषि को भी फायदा मिलेगा। हालांकि, भारी बारिश से भूस्खलन और जलभराव की आशंका बनी रहती है, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बरतने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
पूर्वोत्तर में बाढ़ और लैंडस्लाइड का खतरा
पूर्वोत्तर भारत के असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा और मिजोरम में भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है। पिछले कुछ दिनों में यहां लगातार बारिश हो रही है, जिससे बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ गई हैं। मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सेना, पुलिस तथा स्थानीय बचाव दल पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं। पूर्वोत्तर में अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है। स्थानीय प्रशासन प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेजी से कर रहा है।
गुजरात में बारिश की स्थिति
गुजरात में भी मानसून की गतिविधियां तेज हो रही हैं। पिछले 24 घंटों में गुजरात के 48 तालुकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। पेटलाद, आनंद, खंभात, तारापुर, मेहमदाबाद, देहगाम, चिखली, वासो और सोजित्रा जैसे इलाकों में 1 से 2.7 इंच तक बारिश हुई है। यह बारिश किसानों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि अब खेतों में सिंचाई की समस्या कम होगी और फसलों को फायदा मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में आंधी-बारिश का येलो अलर्ट
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेज हवा और बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। बांदा, चित्रकूट, मऊ, आजमगढ़, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बलिया, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बागपत, मेरठ, आगरा, इटावा, औरैया, बिजनौर, मुरादाबाद, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर और कानपुर नगर में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। इससे मौसम में ठंडक महसूस होगी लेकिन किसानों और आम जनता को सावधानी बरतनी होगी।
मणिपुर में लगातार बारिश और बाढ़
मणिपुर में पिछले 5-6 दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे इम्फाल नदी के तटबंध टूट गए हैं। कई इलाकों में पानी भर गया है और स्थानीय प्रशासन, अग्निशमन सेवा, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और असम राइफल्स राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम चल रहा है। बारिश के कारण यहां जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, लेकिन बचाव कार्यों में तेजी आई है।
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर
असम में भी भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। भारी बारिश के कारण सड़क, रेल परिवहन और नौका सेवाएं प्रभावित हुई हैं। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल लगातार राहत कार्य कर रहे हैं ताकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा सके।
अन्य राज्यों में मौसम का हाल
अहमदाबाद, साबरकांठा, मेहसाणा, गांधीनगर, अरावली, महिसागर, खेड़ा, आनंद, दाहोद, पंचमहल, छोटा उदेपुर, वडोदरा, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग, नवसारी और वलसाड जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। इससे मानसून की शुरुआत के संकेत स्पष्ट हो रहे हैं।
सावधानियां और सुझाव
मौसम में आए बदलाव के कारण लोगों को सावधानी बरतनी जरूरी है। तेज बारिश और आंधी के कारण सड़क हादसों की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए वाहन चलाते समय सतर्क रहना चाहिए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोग प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
किसानों के लिए यह मौसम फसलों के लिए वरदान साबित हो सकता है, लेकिन उन्हें भी जलभराव से बचाव के उपाय करने चाहिए। मानसून की सक्रियता के कारण जल स्रोत भरेंगे, जिससे गर्मी के दौरान पानी की किल्लत कम होगी।
इस प्रकार, पूरे देश में मानसून की गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं। उत्तर भारत से लेकर पूर्वोत्तर तक, हर जगह मौसम में बदलाव हो रहा है और बारिश के कारण जीवन में सुधार के साथ-साथ चुनौतियां भी आ रही हैं। मौसम विभाग के अपडेट पर नजर रखना और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना इस मौसम में बेहद जरूरी है।