सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, महाराष्ट्र राज्य और आव्रजन ब्यूरो की याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक और उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल इंद्रजीत चक्रवर्ती के खिलाफ जारी एलओसी (लुकआउट सर्कुलर) को रद्द करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। .सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद.
जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने महाराष्ट्र, सीबीआई और आव्रजन ब्यूरो की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें लुकआउट सर्कुलर को रद्द करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को पलटने की मांग की गई थी। पीठ ने याचिका को "तुच्छ" माना, यह सुझाव देते हुए कि यह केवल आरोपी की हाई-प्रोफाइल स्थिति के कारण दायर की गई थी। फरवरी में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने सर्कुलर को रद्द कर दिया, यह बताते हुए कि इसे जारी करने के लिए औचित्य की कमी थी और समेकित दिशानिर्देशों के अनुसार इसकी उचित समीक्षा नहीं की गई थी।
मामले की पृष्ठभूमि
रिया चक्रवर्ती कथित तौर पर सुशांत सिंह राजपूत के साथ रिश्ते में थीं, जब जून 2020 में उनकी आत्महत्या से मृत्यु हो गई, आधिकारिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में फांसी के कारण दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई।
अगस्त 2020 में, सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के तहत सीबीआई द्वारा एलओसी जारी किए गए थे। राजपूत के निधन के बाद, उनके परिवार ने बिहार के पटना में एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसके बाद सीबीआई ने जांच की जिम्मेदारी संभाली।
उच्च न्यायालय का निर्णय और उच्चतम न्यायालय अपील
फरवरी में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने चक्रवर्ती परिवार द्वारा दायर एक याचिका के आधार पर एलओसी को रद्द करने के पक्ष में फैसला सुनाया। हाई कोर्ट के फैसले से असहमत होकर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसने अब हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।
चक्रवर्ती परिवार को राहत
यह निर्णय रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के लिए बहुत जरूरी राहत लेकर आया है, जो सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मृत्यु के मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए लगातार जांच के दायरे में रहे हैं।
एलओसी की बर्खास्तगी रिया और उसके परिवार के सामने आने वाले कानूनी मामलों में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देती है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब इस मामले पर अंतिम है।