पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के मुद्दे पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा में लगातार कमी आई है। राज्य में 500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में राजनीति करने वालों को वे नकार देंगे। राज्य में छात्रों ने परीक्षाएं भी दी हैं। राज्य में सुलह और शांति के प्रयास जारी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि 1993 में मणिपुर की स्थिति और भी खराब थी। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व मणिपुर में आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर बाढ़ के संकट से भी जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस संबंध में पूरा सहयोग दे रही है। सरकार मणिपुर के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
सरकार मणिपुर में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में वहां हुई घटनाओं के लिए 11,000 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर एक छोटा सा राज्य है, जहां 500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं धीरे-धीरे कम हो रही हैं। इसका मतलब है कि शांति की उम्मीद है और शांति में विश्वास संभव हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में स्कूल सामान्य रूप से चल रहे हैं, कॉलेज चल रहे हैं और कार्यालय और अन्य संस्थान खुले हैं। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तरह मणिपुर में भी परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार सभी के साथ लगातार संवाद में हैं। शांति के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।