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पेपर लीक पर सरकार ने सख्त कानून लागू किया: 10 साल तक की जेल, 1 करोड़ का जुर्माना

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Posted On:Saturday, June 22, 2024

नीट यूजी और यूजीसी नेट परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया। शुक्रवार रात को अधिसूचना जारी की गई। इस कानून का उद्देश्य भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक को रोकना है। कानून के तहत परीक्षा के पेपर लीक करने या ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करने पर 3 से 5 साल तक की जेल और 10 लाख से 1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है। साथ ही, दोषी पाए जाने वालों से परीक्षा का खर्च भी वसूला जाएगा।

इस कानून से पहले केंद्र सरकार के पास परीक्षा में अनियमितताओं को दूर करने के लिए कोई खास कानून नहीं था। नए कानून में निम्नलिखित कार्यों को अपराध माना गया है:

  • 1. किसी प्रतियोगी परीक्षा का पेपर या उत्तर कुंजी लीक करना।
  • 2. बिना अनुमति के पेपर या उत्तर कुंजी रखना।
  • 3. परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी की सहायता करना।
  • 4. परीक्षा के दौरान पेपर हल करने में मदद लेना।
  • 5. ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करना।
  • 6. सरकारी एजेंसी द्वारा निर्धारित मानकों का उल्लंघन करना।
  • 7. किसी परीक्षा केंद्र या उसकी व्यवस्था से छेड़छाड़ करना।
  • 8. फर्जी एडमिट कार्ड जारी करना और गलत तरीके से परीक्षा आयोजित करना।
  • 9. उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के दौरान छेड़छाड़ करना।
  • 10. परीक्षा केंद्रों पर अधिकारियों को धमकाना।

नए कानून के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:

  • 1. उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ करने पर 3 से 5 साल की कैद होगी।
  • 2. जुर्माना 10 लाख से 1 करोड़ तक होगा।
  • 3. अगर कोई सेवा प्रदाता दोषी पाया जाता है, तो उस पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा।
  • 4. यह कानून यूपीएससी, एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड, आईबीपीएस और एनटीए परीक्षाओं में गड़बड़ी को कवर करता है।
  • 5. परीक्षा पेपर लीक से जुड़े सभी अपराध गैर-जमानती हैं।
  • 6. पेपर लीक के लिए जिम्मेदार लोगों से परीक्षा की लागत वसूली जाएगी।
  • 7. अगर कोई परीक्षा केंद्र इसमें शामिल है, तो उसे 4 साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा।
  • 8. पेपर लीक में शामिल परीक्षा केंद्रों की संपत्ति जब्त की जाएगी।
  • 9. सरकार पेपर लीक मामलों की जांच सीबीआई, ईडी और आईबी जैसी एजेंसियों से करवा सकती है। 10. पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त से नीचे के अधिकारी इस कानून के तहत अपराधों की जांच कर सकते हैं।


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