राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस नेताओं के विरोध प्रदर्शन को लेकर भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस ने पूर्व मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अब पुलिस इन नेताओं की गिरफ्तारी के लिए कानूनी सलाह ले सकती है। एफआईआर से विवाद और बढ़ गया है।
नीट-यूजीसी नेट पेपर लीक, महंगाई और बिजली समेत कई मुद्दों को लेकर कोटा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कानून तोड़ा और पुलिस की ड्यूटी में बाधा डाली। कांग्रेस सदस्यों ने आगे बढ़ने के लिए बैरिकेड्स हटाने का प्रयास किया और मंच से पुलिस अधिकारियों की आलोचना भी की। जवाब में पुलिस ने सरकारी काम में बाधा डालने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया।
इस मामले में पुलिस ने दो अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। पहली एफआईआर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विपक्ष के नेता टीकाराम जूली और पूर्व मंत्री अशोक चांदना के नाम हैं। दूसरी एफआईआर में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, कोटा ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भानु प्रताप, प्रदेश सचिव नईमुद्दीन गुड्डू और जिला कांग्रेस अध्यक्ष रवींद्र त्यागी के नाम शामिल हैं।
राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने पेपर लीक मामले को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने सवाल किया कि अगर तीन परीक्षाएं रद्द की जा सकती हैं तो चौथी परीक्षा क्यों नहीं रद्द की जा सकती। इस दौरान उन्होंने नीट-यूजी प्रवेश परीक्षा को भी रद्द करने की मांग की।