क्यों चुप थे द्रौपदी के चीर हरण पर भीष्म पितामह
Source:
महाभारत हिंदू धर्म का सबसे प्राचीन ग्रंथ है। जिसमें पांडव और कौरवों का युद्ध और धर्म के बारे में बताया गया है। इसमें द्रौपदी और भीष्म पितामह की भूमिका भी अहम है।
Source:
महाभारत में भीष्म पितामह सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में से एक थे। वह पूरे युद्ध के दौरान बाण शैया पर लेटे हुए थे। महाभारत में उन्हें काफी आदरणीय माना जाता है।
Source:
महाभारत में द्रौपदी का किरदार काफी प्रसिद्ध है। उनके साथ बहुत ही अत्याचार और अन्याय हुआ था। वह पांच पांडवों की पत्नी थीं।
Source:
पितामह महाभारत में द्रौपदी का चीर हरण हुआ था। इस दौरान भीष्म पितामह उस दिन मौन थे। उन्हें इस अत्याचार पर चुप्पी साध ली थी।
Source:
जब भीष्म पितामह बाण की शैया पर लेटे हुए थे, तो द्रौपदी उनके पास गईं। उन्होंने पितामह से सवाल किया कि आप चीर हरण के समय चुप क्यों थे?
Source:
चीर हरण ने जवाब देते हुए कहा कि इस वजह से चुप थे क्योंकि उस समय वह कौरवों की राजसभा में थे। दुर्योधन का अन्न खाया था। जिसकी वजह से वह कुछ नहीं बोल पा रहे थे।
Source:
कहते हैं कि जब आप किसी का अन्न खाते हो, तो उसका प्रभाव भी आपके मन पर पड़ता है। ऐसे में भीष्म पितामह दुर्योधन के कुकर्मों के अधीन हो गए थे। इस वजह से महाभारत में पितामह द्रौपदी के चीर हरण पर चुप थे।
Source:
Thanks For Reading!
गोल और लंबी बाती के दीपक में क्या अंतर है?
Find Out More
Find Out More
Opening
/webstories/dharma/गोल-और-लंबी-बाती-के-दीपक-में-क्या-अंतर-है/3186