मृत्यु के बाद पितृ किस लोक में रहते हैं?
Source:
मृत्यु के बाद व्यक्ति की आत्मा पितृ लोक में निवास करती है । यह वही स्थान है, जहां मृत व्यक्ति की आत्मा मृत्यु के बाद निवास करता है। हिंदू धर्म की माने तो, यह स्थान दिव्य और शांतिपूर्ण होता है। पितृ लोक में आत्मा को शांति और मुक्ति की प्राप्ति होती है।
Source:
ज्योतिष की माने तो, पितृ लोक का सम्बन्ध शनिदेव, राहु और केतु से जोड़ा जाता है। ये ग्रह पितृ दोष को प्रभावित करते हैं और पितृ कर्मों की प्रक्रिया में भाग भी लेते हैं। पितृ दोष के कारण से ही आत्मा को पितृ लोक में शांति नहीं मिलती।
Source:
मृत्यु के बाद आत्मा अपने कर्मों के आधार पर यमलोक, पितृ लोक या स्वर्ग लोक की यात्रा करती है। पितृ लोक में जाने का मार्ग शुभ कर्मों और संतान के द्वारा किए गए श्राद्ध कर्मों से जुड़ा हुआ माना जाताहै।
Source:
श्राद्ध एक ऐसा काम है, जिसे करने से मृतक की आत्मा को पितृ लोक में शांति प्राप्त होती है। यह कर्म मृत्यु के बाद हर वर्ण में अलग-अलग समय अवधि के अनुसार होती है।
Source:
पितृ दोष तब लगता है, जब पूर्वजों की आत्माओं को शांति नहीं मिलती। यह दोष आपके जीवन में समस्या और कष्ट का कारण भी बन जाता है। ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को दूर करने के लिए कई सारे उपाय और अनुष्ठान बताए गए हैं।
Source:
पितृ दोष को दूर करने के लिए आप अपने पितरों का श्राद्ध कर्म , तर्पण और पीपल के पेड़ पास दीपक जलाने से दूर होता है।
Source:
पितृ लोक में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए संतान को अपने कर्तव्य को अच्छे से निभाना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, अगर संतान अपने पितरों का आदर-सम्मान और पूजन करती है, तो पितृ लोक में उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
Source:
Thanks For Reading!
Hing ke Totke: अपनाए हींग के ये कारगर टोटके, बनने लगेगा हर बिगड़ा काम
Find Out More
Find Out More
Opening
/webstories/knowledge/Hing-ke-Totke--अपनाए-हींग-के-ये-कारगर-टोटके -बनने-लगेगा-हर-बिगड़ा-काम/1075