मुंबई, 12 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ से छूट दी है। यह घोषणा ऐसे वक्त पर की गई, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने विदेशी वस्तुओं पर एक सदी में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाया था। अमेरिका कस्टम एंड बॉर्डर पेट्रोल (CBP) ने नोटिस जारी कहा कि छूट में चीन से अमेरिका आने स्मार्टफोन और उसके इक्विपमेंट समेत कई इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं। जिन पर वर्तमान में 145% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया गया था। CBP के नोटिस में सेमीकंडक्टर, सोलर सेल, फ्लैट पैनल टीवी डिस्प्ले, फ्लैश ड्राइव और मेमोरी कार्ड को भी छूट दी गई। इस फैसले को कई अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। इन कंपनियों ने हाल ही में चिंता जाहिर की थी कि टैरिफ के फैसले से अमेरिका में इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि कई प्रोडक्ट्स चीन में बनते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां खास तौर पर एप्पल के लिए टैरिफ में छूट बड़ी राहत मानी जा रही है। जब से अमेरिका ने चीन पर टैरिफ की दरों को बढ़ाकर 145% किया था, तब से एप्पल को 1 हजार डॉलर के हर आईफोन पर लगभग 700 डॉलर के इंपोर्ट टैक्स का सामना करना पड़ करा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 90% आईफोन चीन में ही बनाए जाते हैं। CBP के नोटिस में सेमीकंडक्टर को ज्यादातर अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए बेसलाइन 10% टैरिफ और चीन पर लगाए गए 125% एक्स्ट्रा टैरिफ से भी बाहर रखा गया है।
अमेरिका ने 10 अप्रैल को चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिया था। यह कार्रवाई चीन की तरफ से अमेरिका पर लगाए गए 84% टैरिफ से जवाब में की गई थी। जैसे ही अमेरिका ने टैरिफ को दरों को बढ़ाकर 145% किया चीन ने भी पलटवार करते हुए यूएस पर 125% टैरिफ लगा दिया था। हालांकि इस टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका ने भारत समेत 75 से ज्यादा देशों से सभी देशों के लिए एक जैसे बेसलाइन 10% टैरिफ का ऐलान किया था। अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर के बीच चीन ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह अमेरिका के आगे ‘जबरदस्ती’ झुकने के बजाय आखिर तक लड़ना चुनेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन उकसावे से नहीं डरता, वह पीछे नहीं हटेगा। माओ निंग ने सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्ट शेयर किए थे। इसमें एक पूर्व चीनी नेता माओ जेदोंग का भी वीडियो था। उसमें माओ कह रहे हैं- हम चीनी हैं। हम उकसावे से नहीं डरते। हम पीछे नहीं हटते। यह वीडियो 1953 का है जब कोरियाई जंग में चीन और अमेरिका अप्रत्यक्ष तौर पर आमने-सामने थे। वीडियो में माओ कहते हैं- यह जंग कब तक चलेगी यह हम तय नहीं कर सकते। यह राष्ट्रपति ट्रूमैन या फिर आइजनहावर या फिर जो नया राष्ट्रपति बनेगा, उस पर निर्भर करता है। चाहे यह जंग कितना भी लंबा क्यों न चले, हम कभी भी नहीं झुकेंगे। हम तब तक लड़ेंगे जब तक हम पूरी तरह से जीत नहीं जाते। माओ निंग ने एक दूसरे पोस्ट में एक तस्वीर शेयर की थी। इसमें यह बताया गया है कि कीमत मंहगी होने के बाद भी अमेरिकी चीनी सामान ही खरीदेंगे।