मुंबई, 16 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या गुरुवार को भारत पहुंचीं और दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देशों के बीच दीवारों के बजाय पुल बनाने पर जोर दिया। हरिनी अमरसूर्या ने कहा कि हमेशा घर, दफ्तर और देशों के बीच पुल बनाने चाहिए, दीवारें नहीं। हरिनी अमरसूर्या ने भारत के डिजिटल गवर्नेंस में प्रगति की भी सराहना की और इसे दूसरे देशों के लिए उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने डिजिटलाइजेशन के जरिए सरकारों को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाया है। श्रीलंका इस मॉडल को अपनाने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है और देख रहा है कि इसी तरह की पहल वहां कैसे लागू की जा सकती है। उन्होंने दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज की पूर्व छात्रा हरिनी अमरसूर्या ने 1991 से 1994 तक यहां पढ़ाई की। उनका स्वागत कॉलेज की प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव, फैकल्टी सदस्य, छात्र और पुराने छात्रों ने किया। इस बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर श्रीलंका से कच्चाथीवू द्वीप वापस लेने और मछुआरों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की। स्टालिन ने कहा कि कच्चाथीवू द्वीप ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा था, लेकिन 1974 में बिना राज्य सरकार की अनुमति के इसे श्रीलंका को सौंप दिया गया। इसके बाद से तमिलनाडु के मछुआरों को मछली पकड़ने में लगातार कठिनाइयों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।