मुंबई, 23 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (KPK) में शुक्रवार को दो गुटों की हिंसा में 37 लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 से ज्यादा घायल हो गए। KPK के ही बालिश्खेल, खार काली, कुंज अलीजई और मकबल इलाके में अभी भी संघर्ष जारी है। मरने वालों और घायलों में ज्यादा तादाद शिया समुदाय के लोगों की है। पुलिस के मुताबिक, यहां छह महिलाओं को बंधक गया है, लेकिन लगातार गोलीबारी और कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है। लड़ाई में घरों और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है। बिगड़ते हालात की वजह से जिले के सभी स्कूल-कॉलेज शनिवार तक के लिए बंद कर दिए गए। इस संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब खैबर पख्तूख्वा के कुर्रम जिले में अलीजई (शिया) और बागान (सुन्नी) जनजाति के संघर्ष में पैसेंजर वैन काफिले पर फायरिंग की गई। पुलिस के मुताबिक, गुरुवार को कुर्रम जिले के मंदुरी और ओछाट में 50 से ज्यादा पैसेंजर वैन पर गोलीबारी की गई, जिसमें 6 वैन को भारी नुकसान पहुंचा। ये सभी गाड़ियां एक काफिले में पारचिनार से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर जा रही थी। इसमें 50 लोगों की मौत हो गई, और 20 लोग घायल हो गए। खैबर पख्तूनख्वा को लेकर हमेशा से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव रहा है। इस वजह से कई आतंकी गुट इसे पनाहगाह की तरह इस्तेमाल करते हैं। यहां पर होने वाली आतंकी घटनाओं की एक बड़ी वजह बॉर्डर एरिया को लेकर दोनों देशों में आपसी सहमति न होना है।
दरअस्ल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक सीमा के जरिए अलग होते हैं। इसे डूरंड लाइन कहा जाता है। पाकिस्तान इसे बाउंड्री लाइन मानता है, लेकिन तालिबान का साफ कहना है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा राज्य उसका ही हिस्सा है। पाकिस्तानी सेना ने यहां कांटेदार तार से फेंसिंग की है। अफगानिस्तान पर कब्जे पर तालिबान ने पाकिस्तान से इस इलाके को खाली करने को कहा और यहां लगी फेंसिंग उखाड़ दी। पाकिस्तान ने इसका विरोध किया और वहां फौज तैनात कर दी। इसके बाद तालिबान ने वहां मौजूद पाकिस्तानी चेक पोस्ट्स को उड़ा दिया था।