जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत सरकार ने इस हमले को बहुत गंभीरता से लिया है और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया है। भारत की इस आक्रामक प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। पाकिस्तान को डर है कि भारत कभी भी PoK में सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इसी डर से पाकिस्तान सरकार और सेना ने कई आपात कदम उठाए हैं।
PoK में 1000 से ज्यादा मदरसे बंद
भारत के संभावित जवाबी हमले की आशंका को देखते हुए PoK में 1000 से अधिक धार्मिक स्कूलों (मदरसे) को बंद कर दिया गया है। स्थानीय धार्मिक मामलों के विभाग के प्रमुख हाफिज नजीर अहमद ने AFP को बताया कि मदरसों को 10 दिन के लिए बंद किया गया है। विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीमा पर तनाव का माहौल है और किसी भी समय संघर्ष हो सकता है, इसलिए एहतियातन यह फैसला लिया गया है।
इस कदम से साफ है कि पाकिस्तान को खुद भी इस बात का अंदेशा है कि भारत इस बार चुप नहीं बैठेगा। पाक सरकार और सेना ने आम लोगों से भी बंकर तैयार करने और सतर्क रहने को कहा है। दीवारों से घिरे बंकर अब PoK के कई हिस्सों में बनाए जा रहे हैं।
भारत ने सेना को दिया फ्री हैंड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद सेना के तीनों अंगों—थलसेना, वायुसेना और नौसेना—को फ्री हैंड दे दिया है। प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि, "26 निर्दोष नागरिकों की हत्या का बदला लिया जाएगा। दुश्मन देश पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी है। सेना खुद समय, स्थान और तरीका तय करे।"
यह भारत की ओर से एक स्पष्ट संदेश है कि अब आतंकवाद को लेकर किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी। इस सख्ती से पाकिस्तान में बौखलाहट चरम पर है।
पाकिस्तान की तैयारी और गीदड़ भभकी
भारत की सैन्य गतिविधियों को देखते हुए पाकिस्तान ने भी अपने सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रख दिया है। पाकिस्तान की थल, जल और वायु सेनाएं संयुक्त अभ्यास कर रही हैं। पाकिस्तानी नौसेना ने अरब सागर में युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है और एयरस्पेस को 31 मई तक बंद कर दिया गया है।
पाक सेना के मीडिया विंग ISPR के अनुसार, सेना प्रमुख असीम मुनीर ने झेलम जिले में टिल्ला फील्ड फायरिंग रेंज में जाकर फील्ड ट्रेनिंग और युद्धाभ्यास का जायजा लिया। उन्होंने एक बयान में कहा, "भारत की हर हरकत का जवाब दिया जाएगा। हमारी सेना हर तरह की चुनौती के लिए तैयार है।"
हालांकि, जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान की ये गतिविधियां असली तैयारी से ज्यादा दिखावे और डर फैलाने की कोशिश हैं। क्योंकि हकीकत यह है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और राजनीतिक अस्थिरता युद्ध जैसी किसी स्थिति को संभालने लायक नहीं है।
शाहबाज शरीफ और राष्ट्रपति जरदारी की बैठक
भारत से बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बैठक हुई। इस बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि भारत की ओर से पहली स्ट्राइक की संभावना है, और पाकिस्तान इससे निपटने के लिए तैयार है।
पाकिस्तान का यह बयान उसके सुरक्षा तंत्र की घबराहट को दिखाता है। देश के भीतर भी लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, तब पाकिस्तान अपने यहां आतंकियों की गतिविधियों को कैसे रोक पाएगा।
सीमाओं पर बढ़ता तनाव
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है। दोनों ओर से अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जा रही है। LoC के पास बसे गांवों में भारत ने सुरक्षा बढ़ा दी है, वहीं पाकिस्तान में भी बॉर्डर पर बंकरों का निर्माण जोरों पर है।
भारत ने पाकिस्तान के लिए एयरस्पेस भी बंद कर दिया है और सिंधु जल समझौते पर भी पुनर्विचार शुरू कर दिया है। इन कदमों से पाकिस्तान पर सामरिक और कूटनीतिक दबाव बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
पहलगाम आतंकी हमले ने भारत को हिला दिया, लेकिन इस बार सरकार की प्रतिक्रिया सिर्फ कड़ी निंदा तक सीमित नहीं रही। भारत की सख्ती और सैन्य तैयारी से पाकिस्तान बुरी तरह डरा हुआ है। मदरसों का बंद होना, बंकरों का निर्माण और युद्धाभ्यास सिर्फ इस डर की झलक है।
भारत का यह रुख न केवल आतंकवाद के खिलाफ है, बल्कि यह एक बड़ा रणनीतिक संकेत भी है कि अब भारत किसी भी साजिश को चुपचाप सहन नहीं करेगा। पाकिस्तान के पास अब दो ही रास्ते हैं—या तो आतंकियों से नाता तोड़े या भारत के सख्त जवाब के लिए तैयार रहे।