इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष के बाद 25 जून 2025 को सीजफायर की घोषणा हुई, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। इस बीच कई महत्वपूर्ण घटनाएं और प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जो इस तनावपूर्ण स्थिति के नए आयाम को दर्शाती हैं। आइए जानते हैं इस दिन के प्रमुख अपडेट्स पर विस्तार से।
सुबह की शुरुआत: ईरान ने जासूसी के आरोप में 3 लोगों को फांसी दी
25 जून की सुबह ईरान ने इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन लोगों को फांसी पर लटका दिया। मृतकों के नाम इदरीस अली, आजाद शुजाई और रसूल अहमद बताए गए हैं। इससे पहले रविवार और सोमवार को भी दो अन्य लोगों को इसी आरोप में मृत्युदंड दिया गया था। यह कार्रवाई ईरान की सख्त सुरक्षा नीति और जासूसी के खिलाफ उनके दृढ़ रुख को दर्शाती है।
ब्रिक्स की प्रतिक्रिया: अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन
सीजफायर के बाद ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, इंडिया, चाइना, और दक्षिण अफ्रीका) ने एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें उन्होंने ईरान पर हुए हमलों को अंतरराष्ट्रीय नियमों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया। ब्रिक्स ने यह भी कहा कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के दिशा-निर्देशों के खिलाफ हैं। इस बयान ने इस संघर्ष के वैश्विक राजनीतिक आयामों को उजागर किया है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और शेयर बाजारों में तेजी
सीजफायर के बाद कच्चे तेल की कीमतों में लगातार दूसरी दिन गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट वैश्विक बाजारों में स्थिरता का संकेत है। इसी के साथ दुनियाभर के शेयर बाजारों में भी तेजी देखने को मिली, जो इस क्षेत्र में शांति की संभावनाओं को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं। तेल की कीमतों में यह गिरावट न केवल मध्य पूर्व की स्थिति बल्कि विश्व अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।
ट्रंप की नाराजगी: सीएनएन की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया
सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि अमेरिकी हमलों में ईरान की न्यूक्लियर साइट फोर्डो को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इस रिपोर्ट से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बेहद नाराज हुए। उनकी टीम ने भी इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए प्रतिक्रिया दी। यह मामला इस बात का संकेत है कि युद्ध विराम के बीच भी मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर राजनीतिक तनाव कायम है।
अमेरिका ने यरुशलम में अपना दूतावास फिर से खोला
सीजफायर के बाद अमेरिका ने इजराइल की राजधानी यरुशलम में स्थित अपना दूतावास पुनः खोलने का निर्णय लिया है। यह दूतावास तनाव के कारण पहले बंद किया गया था। दूतावास के पुनः खुलने से क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता और कूटनीतिक संबंधों के सुधार की उम्मीद जगी है। यह कदम अमेरिका की मध्य पूर्व नीति में बदलाव का संकेत भी माना जा रहा है।
ईरान का परमाणु कार्यक्रम जारी रहेगा
सीजफायर के बाद ईरान ने स्पष्ट किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम बिना किसी रोक-टोक के जारी रहेगा। ईरान के विदेश मंत्री ने घोषणा की कि वे फिर से यूरेनियम एनरिचमेंट शुरू करेंगे। ईरान ने यह भी कहा कि उनका परमाणु कार्यक्रम कभी नहीं रुकेगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि युद्ध विराम के बाद भी परमाणु मुद्दा विवादित बना रहेगा।
नाटो शिखर सम्मेलन में ट्रंप और एर्दोगन की मुलाकात
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने हेग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ट्रंप की इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर कराने की कोशिशों की तारीफ की। यह मुलाकात न केवल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करेगी बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा की दिशा में भी सकारात्मक कदम मानी जा रही है।
निष्कर्ष
25 जून 2025 को इजराइल और ईरान के बीच हुए सीजफायर के बाद भी स्थिति पूरी तरह से स्थिर नहीं हुई है। जासूसी के आरोपों में फांसी की सजा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, अमेरिका और नाटो देशों की रणनीतिक चालें, और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के चलते यह क्षेत्र अब भी वैश्विक राजनीति का एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है।
भविष्य में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह सीजफायर स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त कर पाएगा या फिर नए तनाव और संघर्षों को जन्म देगा। फिलहाल, विश्व की नजरें इस क्षेत्र पर बनी हुई हैं जहां हर छोटी-से-छोटी घटना का व्यापक प्रभाव पड़ता है।