इन दिनों वैश्विक राजनीति के मंच पर एक खतरनाक घटना ने सबका ध्यान खींचा है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन को लेकर उड़ रहे विमान को बुल्गारियाई हवाई क्षेत्र में GPS जामिंग का निशाना बनाए जाने की खबर सामने आई है। बुल्गारिया के अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों ने इस घटना की पुष्टि की है और इसके पीछे रूस का हाथ होने का दावा किया है।
क्या हुआ था उस दिन?
रविवार को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन यूरोपीय संघ के सीमावर्ती देशों के दौरे पर थीं, जो रूस और बेलारूस के निकट हैं। इस दौरान वे प्लोवदिव एयरपोर्ट (Plovdiv Airport) की ओर जा रही थीं। तभी जैसे ही उनका विमान एयरपोर्ट के पास पहुंचा, विमान का GPS सिग्नल अचानक गायब हो गया।
यह एक सामान्य तकनीकी खराबी नहीं थी, बल्कि सैटेलाइट के जरिए जानबूझकर किया गया GPS जामिंग था। इस कारण पायलट को विमान की स्थिति का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल हो गया। हालांकि, सभी पायलटों और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की सतर्कता के चलते विमान की सुरक्षित इमरजेंसी लैंडिंग हो पाई।
क्यों शक की सुई रूस की ओर?
बुल्गारियाई जांच अधिकारियों ने दावा किया है कि इस घटना के पीछे रूस की भूमिका हो सकती है। उनका कहना है कि रूस की तरफ से कई बार GPS और रेडियो सिग्नल्स को जाम करने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, खासकर उन विमानों के लिए जो यूरोप के राजनयिक या सैन्य मिशन पर होते हैं।
यूरोपीय आयोग की प्रवक्ता एरियाना पोडेस्टा ने कहा,
"वॉन डेर लेयेन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन पर हमले की कट्टर आलोचक हैं। इसलिए वे लंबे समय से रूस के निशाने पर हैं।"
GPS जामिंग तकनीक क्या है?
GPS जामिंग तकनीक के जरिए किसी भी विमान या वाहन के नेविगेशन सिस्टम को सैटेलाइट सिग्नल से काट दिया जाता है। इससे विमान का ऑटो-पायलट, मार्गदर्शन और ट्रैकिंग सिस्टम बाधित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बेहद खतरनाक युद्ध तकनीक है, जो आमतौर पर सैन्य कार्रवाई या साइबर जंग के दौरान इस्तेमाल होती है।
अब यूरोपीय संघ उठाएगा सख्त कदम
इस गंभीर घटना के बाद यूरोपीय संघ ने संकेत दिए हैं कि अब वह अपने रक्षा क्षेत्र में निवेश और सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत करेगा। साइबर सुरक्षा, हवाई रक्षा प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक जामिंग से बचाव के लिए अतिरिक्त बजट और रणनीति बनाई जा रही है।
यूरोपीय संघ के कई सदस्य देश पहले ही रूस पर आक्रामक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर का आरोप लगा चुके हैं, विशेषकर यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में। अब इस ताज़ा घटना ने उन आशंकाओं को और बल दिया है।
निष्कर्ष: वैश्विक सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा
उर्सुला वॉन डेर लेयेन के विमान पर GPS जामिंग की यह घटना एक चेतावनी है कि साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के खतरे बढ़ते जा रहे हैं। किसी भी बड़े राजनीतिक या राजनयिक हस्ती की सुरक्षा अब केवल हथियारों से नहीं, बल्कि डिजिटल और सैटेलाइट आधारित तकनीकों से भी सुनिश्चित करनी होगी।
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि राजनीतिक मतभेद अब तकनीकी हमलों का रूप ले रहे हैं, जिससे न केवल व्यक्तियों की जान को खतरा है, बल्कि वैश्विक स्थिरता भी दांव पर लग चुकी है।