कनाडा में 2025 के आम चुनावों का मतदान पूरा हो चुका है, और चुनाव परिणामों के सर्वे से यह संकेत मिल रहे हैं कि लिबरल पार्टी और कंजर्वेटिव पार्टी के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ था और अब सर्वेक्षणों में लिबरल पार्टी को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। हालांकि, कंजर्वेटिव पार्टी भी कड़ी टक्कर दे रही है, जिससे यह चुनाव बेहद रोमांचक बन गया है। आधिकारिक चुनाव परिणाम 30 अप्रैल या 1 मई को घोषित होने की संभावना है, लेकिन इस समय लिबरल पार्टी के पक्ष में हवा बहती नजर आ रही है।
मार्क कार्नी और पियरे पोलीवरे के बीच कांटे की टक्कर
वर्तमान प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और विपक्षी नेता पियरे पोलीवरे के बीच कांटे की टक्कर हो रही है। मार्क कार्नी, जो लिबरल पार्टी के नेता हैं, पहले ही इस चुनाव में अपनी स्पष्ट नीति घोषित कर चुके हैं। उन्होंने यह कहा था कि वह भारत से अच्छे संबंध बनाने की इच्छा रखते हैं, जबकि उनके पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के रिश्ते असाधारण रूप से खराब रहे थे।
चुनाव सर्वेक्षणों में लिबरल पार्टी को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है, और कनाडाई मीडिया ने उत्साह के साथ मार्क कार्नी को देश का भविष्य प्रधानमंत्री घोषित किया है। इस समय, देश भर में चुनावी नतीजों के प्रति अति उत्सुकता है, और मीडिया इस ओर नजरें गढ़ाए हुए हैं।
समय से पहले चुनाव की घोषणा
मार्क कार्नी ने यह चुनाव अक्टूबर 2025 में आयोजित होने थे, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का विरोध करने के लिए उन्होंने समय से पहले चुनाव कराने का ऐलान किया। उनका तर्क था कि एक मजबूत जनादेश की आवश्यकता है, ताकि वह देश को एक नई दिशा दे सकें। इस कदम से लिबरल पार्टी और NDP (New Democratic Party) के बीच सरकार बनाने की संभावना भी बढ़ गई है। इससे पहले भी दोनों दलों ने मिलकर सरकार बनाई थी, और चुनाव परिणाम के बाद यह फिर से हो सकता है।
लिबरल पार्टी के नेतृत्व में सरकार की संभावना
चुनाव सर्वेक्षणों के अनुसार, लिबरल पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए आवश्यक 172 सीटों का बहुमत हासिल करने की उम्मीद है। यदि सर्वे परिणाम सटीक साबित होते हैं, तो मार्क कार्नी की सरकार एक बार फिर सत्ता में आ सकती है। हालांकि, कंजर्वेटिव पार्टी भी पूरी ताकत से चुनावी मैदान में है और अपनी सीटों की संख्या को बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है, जिससे यह चुनाव एक रोमांचक मुकाबला बन गया है।
कनाडा और भारत के रिश्ते
मार्क कार्नी का यह बयान कि वह भारत से अच्छे संबंध चाहते हैं, कनाडा और भारत के संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में कनाडा-भारत रिश्ते काफी तनावपूर्ण रहे थे, खासकर 2018 में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों और पंजाब में आतंकवाद को लेकर विवादों के चलते। लेकिन मार्क कार्नी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इन संबंधों को बेहतर बनाना चाहते हैं, जो कनाडा की विदेश नीति के लिए एक नई दिशा का संकेत हो सकता है।
चुनाव परिणाम और भविष्य की उम्मीदें
चुनाव परिणामों की घोषणा से पहले, यह स्पष्ट है कि लिबरल पार्टी और कंजर्वेटिव पार्टी दोनों ही सत्ता में आने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं। लिबरल पार्टी के पास मजबूत समर्थन है, लेकिन कंजर्वेटिव पार्टी भी अपनी ओर से पूरा जोर लगा रही है। साथ ही, ब्लॉक क्यूबिक, NDP, और ग्रीन पार्टी जैसी दलों के भी चुनाव परिणामों में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है, जो अंततः सरकार गठन में भूमिका निभा सकते हैं।
कनाडा के लिए यह चुनाव निर्णायक होगा, खासकर अंतरराष्ट्रीय मामलों में उसकी दिशा और घरेलू राजनीति में नए नेतृत्व के दृष्टिकोण के संदर्भ में। मार्क कार्नी के नेतृत्व में, अगर लिबरल पार्टी जीत हासिल करती है, तो यह एक नया राजनीतिक अध्याय होगा, जहां कनाडा-भारत संबंधों में सुधार और आर्थिक नीतियों में बदलाव की संभावना जताई जा सकती है।
आखिरकार, 30 अप्रैल या 1 मई को जब आधिकारिक चुनाव परिणाम घोषित होंगे, तो कनाडा के नागरिक यह तय करेंगे कि कौन उनके देश का नेतृत्व करेगा और किस दिशा में उनका भविष्य आकार लेगा।