मुंबई, 2 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) टेक जगत में अग्रणी ग्राफिक चिप निर्माता कंपनी एनवीडिया ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिससे उसके राजस्व मॉडल पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। कंपनी ने बताया है कि उसके राजस्व का एक बड़ा हिस्सा केवल दो ग्राहकों से आता है, जिन्हें फिलहाल "ग्राहक ए" और "ग्राहक बी" के नाम से जाना जा रहा है।
कंपनी द्वारा जारी किए गए दस्तावेज़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में, "ग्राहक ए" ने एनवीडिया के कुल राजस्व में 23% का योगदान दिया, जबकि "ग्राहक बी" ने 16% का। यह आंकड़ा इस बात को उजागर करता है कि एनवीडिया अपनी कमाई के लिए एक छोटे समूह के खरीदारों पर बहुत अधिक निर्भर है, जो कि व्यापार जोखिम को बढ़ा सकता है।
कौन हैं ये रहस्यमयी ग्राहक?
हालांकि, एनवीडिया ने इन ग्राहकों की पहचान उजागर नहीं की है, लेकिन उद्योग जगत में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ये सीधे ग्राहक (Direct Customers) संभवतः मूल उपकरण निर्माता (OEMs), सिस्टम इंटीग्रेटर्स, या वितरक (Distributors) हैं। ये कंपनियां फिर एनवीडिया के चिप्स को अंतिम उपयोगकर्ताओं, जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, मेटा और गूगल जैसे बड़े क्लाउड सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों को बेचती हैं।
इन दो प्रमुख ग्राहकों के अलावा, एनवीडिया के चार और ग्राहक हैं जिन्होंने दूसरी तिमाही के राजस्व में क्रमशः 14%, 11%, 11% और 10% का योगदान दिया। यह दर्शाता है कि कंपनी की कमाई कुछ ही बड़े खिलाड़ियों पर केंद्रित है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बाजार में बढ़ती हिस्सेदारी
यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब एआई पर खर्च को लेकर एक संभावित "बुलबुले" (Spending Bubble) की चिंताएं बढ़ रही हैं। हालांकि, विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि जिन कंपनियों के पास मजबूत वित्तीय संसाधन हैं, वे अपने डेटा केंद्रों पर खर्च करना जारी रखेंगी।
एनवीडिया की इस निर्भरता से जहां एक ओर चिंताएं हैं, वहीं यह इस बात का भी प्रमाण है कि एआई और डेटा सेंटर के क्षेत्र में उसकी तकनीक की मांग कितनी अधिक है। भविष्य में, यदि ये बड़े ग्राहक अपनी खरीदारी कम करते हैं, तो एनवीडिया के राजस्व पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। हालांकि, फिलहाल कंपनी का ध्यान इस मजबूत मांग को पूरा करने पर केंद्रित है।