हाल ही में सीबीएसई द्वारा 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित किया गया, जिसमें 96.3% का शानदार पास प्रतिशत रहा और एक बार फिर लड़कियों ने टॉप किया। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पुरानी लेकिन दिलचस्प चीज़ ने लोगों का ध्यान खींचा—टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली की 10वीं क्लास की मार्कशीट।
इस वायरल मार्कशीट को IAS जितिन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया और इसके साथ एक प्रेरणादायक संदेश भी लिखा।
विराट कोहली की 10वीं की मार्कशीट
विराट कोहली की मार्कशीट को देखकर कई लोग हैरान रह गए। एक तरफ जहां उन्हें अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में अच्छे अंक मिले, वहीं गणित और विज्ञान जैसे तकनीकी विषयों में अपेक्षाकृत कम अंक आए। उनकी मार्कशीट के अनुसार:
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अंग्रेजी: 83 अंक – ग्रेड A1
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हिंदी: 75 अंक – ग्रेड B1
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सामाजिक विज्ञान: 81 अंक – ग्रेड A2
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गणित: 51 अंक – ग्रेड C2
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आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी): 74 अंक – ग्रेड C2
यह साफ दिखता है कि विराट पढ़ाई में औसत छात्र थे, लेकिन उनके अंदर का जुनून और खेल के प्रति समर्पण उन्हें महान बना गया।
IAS अफसर ने दी खास सीख
IAS जितिन यादव ने विराट की मार्कशीट साझा करते हुए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही:
“अगर अंक ही सफलता का एकमात्र पैमाना होते, तो आज पूरा देश उनके पीछे नहीं खड़ा होता। जुनून और समर्पण ही असली कुंजी है।”
यह बात उन लाखों छात्रों को एक सीख देती है जो रिजल्ट के बाद निराश हो जाते हैं। यह मैसेज बताता है कि जीवन में केवल मार्क्स नहीं, मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से भी बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर कमेंट्स की बौछार
विराट की यह पुरानी मार्कशीट सामने आते ही इंटरनेट पर लोगों की प्रतिक्रियाओं का सैलाब आ गया। यहां कुछ चुनिंदा कमेंट्स हैं:
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"हां, अंक केवल कागज पर संख्याएं हैं। असली मूल्य कड़ी मेहनत और समर्पण में है।"
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"यह हमारी शिक्षा प्रणाली पर भी एक सवाल है। जो छात्र रटकर नंबर लाते हैं, वे हमेशा प्रतिभाशाली नहीं होते।"
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"हर कोई विराट कोहली नहीं बन सकता, लेकिन हम सभी अपने जुनून से कुछ बड़ा जरूर कर सकते हैं।"
क्रिकेट और पढ़ाई – एक संतुलन की कहानी
विराट कोहली की यह कहानी बताती है कि पढ़ाई और खेल दोनों जरूरी हैं, लेकिन हर इंसान की क्षमताएं अलग होती हैं। विराट का फोकस स्कूल के दिनों से ही क्रिकेट पर था और उन्होंने उस राह को पूरी लगन से अपनाया।
आज जब उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास लिया है, तो लाखों फैंस की आंखें नम हैं। यह समय है जब लोग उनके बचपन, संघर्ष और शिक्षा से जुड़ी बातों को भी जानना चाहते हैं। उनकी मार्कशीट एक तरह से उनकी जमीन से जुड़े होने का प्रतीक है, जो यह दर्शाती है कि उन्होंने शून्य से शुरुआत की और शिखर तक पहुंचे।
बच्चों और अभिभावकों के लिए सीख
हर साल रिजल्ट के बाद कई छात्र निराश हो जाते हैं, कुछ डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में विराट कोहली जैसी हस्तियों की यह उदाहरणात्मक कहानियां न सिर्फ हौसला देती हैं, बल्कि यह भी सिखाती हैं कि:
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मार्क्स सब कुछ नहीं होते।
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जिंदगी की असली परीक्षा आपकी मेहनत और समर्पण है।
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हर बच्चा किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिभावान होता है—बस उसे पहचानने की जरूरत होती है।
निष्कर्ष
विराट कोहली की 10वीं की मार्कशीट और उनकी उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि किसी की सफलता केवल रिपोर्ट कार्ड से नहीं आंकी जा सकती। उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है, वह उनके जुनून, कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयासों का नतीजा है।
इसलिए चाहे आपके 10वीं के मार्क्स कितने भी हों, हार मत मानिए। जिंदगी में आगे बढ़ने के रास्ते कई हैं—बस एक मजबूत इरादा और सही दिशा की जरूरत है। विराट कोहली इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।