मुंबई, 14 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को बेहतर बनाने की अपनी क्षमता के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना गेम चेंजर हो सकता है, खासकर जब घुटने के दर्द को कम करने की बात आती है। घुटने का दर्द कई कारणों से हो सकता है जैसे लंबे समय तक बैठना, गठिया, उम्र बढ़ना, चोट लगना या यहाँ तक कि तीव्र शारीरिक गतिविधियाँ। तो, यहाँ कुछ सरल योग आसन दिए गए हैं जो घुटने के दर्द से राहत दिला सकते हैं।
सेतु बंधासन (ब्रिज पोज़)
सेतु बंधासन, या ब्रिज पोज़, घुटने के जोड़ के आस-पास की मांसपेशियों को मज़बूत करने के लिए एक बेहतरीन योग अभ्यास है। यह लचीलेपन को बेहतर बनाने में मदद करता है और पूरे शरीर को शामिल करके घुटने के दर्द से राहत देता है।
इस आसन को करने के लिए:
- अपनी पीठ के बल लेटकर अपनी भुजाओं को अपनी बगल में रखें।
- साँस लें और अपने कूल्हों को ज़मीन से ऊपर उठाएँ, अपने हाथों और कंधों पर दबाव डालें।
- जब आप इस आसन को करेंगे तो आपको अपने घुटनों और कंधों में हल्का दबाव महसूस होगा।
- धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए अपनी पीठ को ज़मीन पर टिकाएँ और अपनी भुजाओं को अपनी बगल में रखें।
उत्कटासन (कुर्सी मुद्रा)
उत्कटासन, जिसे कुर्सी मुद्रा भी कहा जाता है, आपके वजन को आपके कूल्हों की ओर स्थानांतरित करके घुटने के तनाव को कम करने में मदद करता है। यह मुद्रा आपकी जांघ की मांसपेशियों को मजबूत करती है और स्थिरता को बढ़ाती है।
इस मुद्रा को करने के लिए:
- अपने पैरों को अलग करके और अपनी भुजाओं को अपनी बगल में रखकर सीधे खड़े हो जाएँ।
- धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें जैसे कि आप कुर्सी पर बैठे हों।
- अपनी भुजाओं को ऊपर की ओर उठाएँ और उन्हें सीधा रखें।
- इस स्थिति में कम से कम पाँच सेकंड तक रहें और फिर वापस खड़े हो जाएँ।
बालासन (बच्चे की मुद्रा)
बालासन, या बच्चे की मुद्रा, एक योग मुद्रा है जो शरीर में तनाव को दूर करने में मदद करती है और घुटने के दर्द के लिए विशेष रूप से सहायक हो सकती है, खासकर उम्र बढ़ने के साथ।
इस मुद्रा को करने के लिए:
- अपने घुटनों को थोड़ा अलग करके और अपने पैर की उंगलियों को एक दूसरे को छूते हुए अपनी एड़ियों पर पीछे की ओर बैठें।
- धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और अपने माथे को ज़मीन पर टिकाएँ। साथ ही, अपनी भुजाओं को ज़मीन पर आगे की ओर फैलाएँ।
- इस मुद्रा को करते समय स्थिर साँस लेने पर ध्यान दें।
त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा)
त्रिकोणासन घुटने के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करने, संतुलन बढ़ाने और शरीर के संरेखण में सुधार करने के लिए एक लाभकारी योग मुद्रा है। इसे त्रिकोण मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है।
इस मुद्रा को करने के लिए:
- अपने पैरों को चौड़ा करके खड़े हो जाएँ और पंजों को विपरीत दिशाओं में रखें।
- अपनी भुजाओं को बगल की ओर फैलाएँ और ज़मीन के समानांतर रखें।
- अपने धड़ को दाईं ओर मोड़ें और अपने दाहिने हाथ को नीचे ज़मीन की ओर रखें। ऐसा करते समय, आपका बायाँ हाथ ऊपर की ओर पहुँचना चाहिए।
- इस स्थिति में लगभग 10 सेकंड तक रहें और फिर दूसरी तरफ़ दोहराएँ।
वीरासना (योद्धा मुद्रा)
वीरासना जिसे लोकप्रिय रूप से योद्धा मुद्रा के रूप में जाना जाता है, सहनशक्ति और लचीलेपन का निर्माण करके घुटने के जोड़ को मजबूत और स्थिर करने के लिए एक प्रभावी योग मुद्रा है। इस मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से घुटने की स्थिरता और पैरों की समग्र शक्ति में सुधार हो सकता है।
इस मुद्रा को करने के लिए:
- अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग करके खड़े होकर शुरुआत करें।
- अपने बाएँ पैर को पीछे ले जाएँ और पिछले पैर को सीधा रखते हुए अपने दाएँ घुटने को मोड़ें।
- अपनी भुजाओं को कंधे की ऊंचाई तक उठाएँ, अपने दाहिने हाथ को आगे की ओर तथा अपने बाएँ हाथ को पीछे की ओर बढ़ाएँ।
- इस स्थिति में लगभग 10 सेकंड तक स्थिर, गहरी साँस लेते हुए रहें।