न्यूज़ हेल्पलाइन - मुंबई, २७ अगस्त, २०२१
आज के दौर की लाइफ स्टाइल का असर दांतों की सेहत पर भी होने लगा है। उम्र की ढलान पर दांतों की दिक्कत होना तो लाज़मी है लेकिन अब तो युवा और बच्चे भी दांतों में बढ़ रही परेशानियों से अछूते नहीं हैं। खास बात ये है कि जब तक परेशानी ज्यादा बड़ी ना हो जाए, लोग दांतों की सेहत पर ध्यान ही नहीं देते हैं। जबकि समय रहते दांतों की सेहत का ख्याल रखना भी हमारे लिए उतना ही ज़रूरी हैं, जितना शरीर के अन्य हिस्सों का ख्याल रखना। आइये जानते है दांतों की सेहत का ख्याल किस तरह से रखा जाये ?
१. दांतों में दर्द और अन्य परेशानी की वजह जानना ज़रूरी -
ज्यादातर लोग दांतों में हो रहे दर्द और अन्य परेशानियों की वजह को अनदेखा करते हैं। इसको नार्मल सी बात मान कर घरेलू उपचार कर लेते हैं, जिससे दिक्कतें बढ़ जाती हैं। जबकि दांतों के दर्द और परेशानी की वजह कैविटी, पायरिया, दांतों का घिसना, ज्यादा रगड़ कर ब्रश करना, टॉर्टर और प्लॉग जैसी कई और भी हो सकती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि दांतों में होने वाले दर्द या किसी भी तरह की दिक्कत के लिए डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करना चाहिए।
२. ज़रूरी है ओरल केयर -
दांतों की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए ज़रूरी है ओरल केयर करना जिससे दांतों और मसूड़ों सम्बन्धी किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके। किसी भी तरह की दिक्कत को छोटा समझकर अगर आप नज़रअंदाज़ करते हैं, तो ये बड़ी समस्या या बीमारी के रूप में सामने आ सकती है।
३. कैसे करें ब्रशिंग -
सुबह उठकर और रात में सोने से पहले सॉफ्ट टूथब्रश से अच्छी तरह दांतों की सफाई करें। दांतों को ज्यादा देर तक न रगड़ें, हल्के हाथों से केवल पांच मिनट तक ब्रशिंग करें। ब्रश को मुंह के एक कोने से शुरू करते हुए दूसरे कोने तक ले जाएं और ब्रश को क्लॉक वाइज़ और एंटी क्लॉक वाइज़ दो-दो बार घुमाएं। साथ ही नीचे वाले दांतो की सफाई के लिए ब्रश ऊपर की ओर और ऊपर वाले दांतों की सफाई के लिए ब्रश को नीचे की ओर ले जाते हुए दांतों के अंदर और बाहरी हिस्से पर ब्रशिंग करें। बैक्टीरिया मुंह में न रहें इसके लिए जीभ को भी हल्के हाथों से टंग क्लीनर की मदद से साफ़ करें।
४. जानें प्लाक और टार्टर के बारे में -
दांतों की सही तरह से देखभाल न करने के चलते दांतों और मसूड़ों पर बैक्टीरिया बनने लगते हैं, जिसकी वजह से दांतों और मसूड़ों पर बैक्टीरिया युक्त एक चिपचिपी परत बनने लगती है जो प्लाक कहलाती है। इसको दांतों की दैनिक सफाई के चलते हटाया जा सकता है लेकिन अगर इसको साफ़ नहीं किया गया तो ये सख्त होकर टार्टर बन जाता है। जिसको हटाने के लिए टीथ क्लीनिंग और पॉलिशिंग की ज़रूरत होती है। टॉर्टर को अगर अनदेखा किया जाये तो इससे दांतों के गलने की दिक्कत हो सकती है।
६. इन बातों का भी रखें ख्याल –
हमेशा टूथब्रश का इस्तेमाल करें और उंगली से दांतों को घिसने से बचें। सप्ताह में दो-तीन बार किसी साफ़ महीन धागे से फ्लॉसिंग करें। माउथवॉश से दिन में दो बार कुल्ला करें। स्टार्च और शर्करा युक्त भोजन करने से बचें। विटामिन सी से भरपूर फलों को डाइट में शामिल करें। धूम्रपान करने से बचें। दांतों या मसूड़ों में किसी भी तरह की दिक्कत को अनदेखा न करें।