मुंबई, 28 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन) गर्मी का मौसम अपने साथ सुस्ती की एक सामान्य भावना लेकर आता है, जिससे व्यक्ति के लिए शांत और ऊर्जावान बने रहना मुश्किल हो जाता है। भीषण गर्मी न केवल असहज करती है, बल्कि बार-बार मुंह और गले, पसीने से तर और चिपचिपी त्वचा की ओर ले जाती है, जिससे दैनिक कार्यों को करना कठिन हो जाता है।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ नितिका कोहली के अनुसार, "त्वचा का फूलना, अधिक पसीना आना, तेज गुस्सा और प्यास आपके पित्त दोष का असंतुलन है, जो आपकी गर्मी और चयापचय को नियंत्रित करने वाली उग्र ऊर्जा है।"
उन्होंने कहा कि इस मौसम में बढ़ता तापमान हमारे पित्त दोष को और असंतुलित कर देता है।
यदि आप बाहरी और आंतरिक रूप से ठंडा होना चाहते हैं, तो डॉ कोहली द्वारा सुझाए गए इन आसान और प्रभावी योग आसनों को आजमाएं। "अपनी अग्नि (आंतरिक अग्नि) को शांत करने के लिए इन युक्तियों का पालन करें, जो ऊर्जा, स्पष्टता, आनंद और शक्ति को बहाल करेगी," उसने कहा।
ताड़ासन (पर्वत मुद्रा) :
* यह आपको ऊर्जावान और तरोताजा करता है।
* यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।
*यह श्वास को स्थिर करता है।
सवासना (लाश मुद्रा) :
* यह ताज़ा और कायाकल्प करने वाला है।
*यह मानसिक स्वास्थ्य और रक्त संचार के लिए बहुत अच्छा है।
भुजंगासन (कोबरा मुद्रा) :
*यह आपकी छाती को खोलता है।
* यह हृदय और फेफड़ों के मार्ग को साफ करने में मदद करता है।
अंजनेयासन (क्रिसेंट पोज) :
* यह आपके फेफड़े, छाती और कंधों को खोलता है।
*यह आपके शरीर को संतुलित रखता है।
*यह एकाग्रता और जागरूकता बढ़ाता है।
सिंहासन (शेर मुद्रा) :
यह मुद्रा तनाव को दूर करने में मदद करती है, विशेष रूप से चेहरे और छाती पर, विशेषज्ञ ने समझाया।