क्या कॉफी सेहत के लिए फायदेमंद है? आप भी जानें क्या कहती है यह स्टडी

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Posted On:Friday, June 28, 2024

मुंबई, 28 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)   क्या कॉफी सेहत के लिए फायदेमंद है? इस सवाल का जवाब हर किसी के लिए एक जैसा नहीं है। नए शोध के मुताबिक एक कप कॉफी आपकी जिंदगी में कई साल जोड़ सकती है। अगर आप घंटों बैठकर काम करते हैं तो नियमित एक कप कॉफी अपनी दिनचर्या में शामिल करना आपके लिए अमृत साबित हो सकता है। कॉफी नहीं पीने वाले जो दिन में छह घंटे या उससे ज्यादा बैठते हैं उनमें मौत का खतरा उन लोगों के मुकाबले 60 फीसदी ज्यादा होता है जो कॉफी पीते हैं और 6 घंटे बैठते हैं। बायोमेड सेंट्रल (बीएमसी) पब्लिक हेल्थ नामक जर्नल में प्रकाशित शोध में यह दावा किया गया है। चीन के सूकोउ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं द्वारा अमेरिका में 10 हजार से ज्यादा वयस्कों पर 13 साल तक यह अध्ययन किया गया। उन्होंने पाया कि बैठे रहने वाले कॉफी नहीं पीने वालों में मरने का खतरा ज्यादा होता है। कॉफी पीने वालों में यह खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो लोग दिन में कम से कम 6 घंटे बैठकर काम कर रहे हैं, लेकिन कॉफी पी रहे हैं, ऐसे लोगों में मृत्यु का जोखिम 24 प्रतिशत कम पाया गया।

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में लिखा, "गतिहीन व्यवहार की तुलना में वयस्कों में समग्र अस्तित्व को बेहतर बनाने में कॉफी के सेवन के लाभ कई गुना हैं। कॉफी पीने से चयापचय संबंधी समस्याओं का जोखिम कम होता है जो सूजन को बढ़ा सकता है, जो बदले में गतिहीन व्यवहार के कारण मृत्यु के जोखिम को बढ़ाता है।"

जो व्यक्ति सबसे अधिक मात्रा में कॉफी पीता है, उसे कॉफी न पीने वालों की तुलना में मरने का जोखिम 33 प्रतिशत कम होता है। परिणाम पिछले अध्ययनों के अनुरूप थे, जिसमें अधिक कॉफी पीने और हृदय रोग सहित किसी भी कारण से मरने के कम जोखिम के बीच संबंध पाया गया है।

कॉफी में मौजूद कैफीन और पॉलीफेनोल सहित कई यौगिक स्वाभाविक रूप से सूजनरोधी होते हैं। इसका मतलब है कि अगर आप कॉफी पीते हैं, तो यह आपके शरीर में सूजन को कम करती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि कॉफी मृत्यु के जोखिम को कैसे कम करती है और यह शरीर में क्या बदलाव लाती है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो लोग दिन में आठ घंटे से ज़्यादा बैठते हैं, उनमें किसी भी कारण से मौत का जोखिम 40 प्रतिशत बढ़ जाता है। ऐसे लोगों में दिल का दौरा पड़ने से मरने का जोखिम लगभग 80 प्रतिशत बढ़ जाता है।


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