मुंबई, 16 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि इलेक्शन कमीशन और जांच एजेंसियों पर सवाल उठाना उनका मनोबल गिराना है। वे मुश्किल हालात में काम करते हैं। धनखड़ ने ये भी कहा कि कुछ लोगों को देश की संस्थाओं की काफी चिंता है। हमारी संस्थाएं स्वतंत्र हैं, वे कानून के तहत और संतुलन बनाकर काम करती हैं। धनखड़ ने रविवार (15 सितंबर) को मुंबई के एक स्कूल में संविधान मंदिर के उद्घाटन में ये बात कही। शुक्रवार (13 सितंबर) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति में CBI वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस उज्जल भुइयां ने CBI को पिंजरे में कैद तोता बताया था।
वहीं, उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि राज्य के सभी अंगों- न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका का एक ही उद्देश्य है-संविधान की मूल भावना की सफलता सुनिश्चित करना, आम लोगों को सभी अधिकारों की गारंटी देना और भारत को समृद्ध और फलने-फूलने में मदद करना। सभी संस्थाओं को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का पालन करते हुए साथ मिलकर काम करना होता है। इन पवित्र मंचों को राजनीतिक भड़काऊ बहस को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। चुनाव आयोग और जांच एजेंसियों को कठिन माहौल और दबाव में काम करना होता है। कोई भी विपरीत टिप्पणी उनका मनोबल गिरा सकती है। धनखड़ ने ये भी कहा कि ऐसी टिप्पणियां राजनीतिक बहस पैदा कर सकती हैं। एक नैरेटिव बना सकती हैं। ऐसे में अगर हम सिर्फ कुछ सनसनी पैदा करने के लिए, किसी राजनीतिक बहस या धारणा बनाने का काम करते हैं तो मैं संबंधित लोगों से अपील करूंगा कि इसे पूरी तरह से टाला जाना चाहिए। लोकतंत्र में धारणा मायने रखती है।