केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट ने 3 दिन की CBI रिमांड में भेजा, रोजाना 30 मिनट पत्नी और वकील से मिल सकेंगे, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Wednesday, June 26, 2024

मुंबई, 26 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट ने तीन दिन की CBI कस्टडी में भेज दिया है। कोर्ट ने उन्हें इजाजत दी है कि वे रोजाना अपनी पत्नी से और तीस मिनट अपने वकील से मिल सकेंगे। इसके साथ उन्हें अपनी दवाएं रख सकेंगे और उनके लिए घर का खाना आ सकेगा। CBI ने शराब नीति केस में भ्रष्टाचार के आरोप में केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद CBI ने उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश कर 5 दिन की कस्टडी मांगी। कोर्ट ने करीब 4 घंटे तक दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। शाम 7 बजे कोर्ट ने फैसला सुनाया। अगली सुनवाई 29 जून को होगी। सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने कहा कि मीडिया में खबर चलाई जा रही है कि मैंने सिसोदिया पर शराब नीति के आरोप लगाए हैं। यह गलत है। मैंने कहा था कि कोई दोषी नहीं हैं। सिसोदिया भी दोषी नहीं हैं। इस पर CBI के वकील ने कहा मीडिया में जो चल रहा है वह सब सही है। सब फैक्ट्स पर आधारित है। इससे पहले सुनवाई के दौरान ही कोर्ट रूम में केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई थी। उनका शुगर लेवल गिरने के कारण कुछ देर के लिए उन्हें अलग रूम में शिफ्ट किया गया। हालांकि बाद में वे कोर्ट रूम में वापस लौट आए। CBI ने 25 जून को रात 9 बजे तिहाड़ जाकर शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल से पूछताछ की थी। इससे पहले, शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ED ने 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था। वे 10 मई से 2 जून यानी 21 दिन के लिए पैरोल पर थे।

उधर, केजरीवाल ने नए मामले में गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका वापस ले ली है। लोअर कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में 20 जून को उन्हें जमानत दे दी थी। ED इसके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची। 25 जून को हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट का फैसला पलट दिया। इसके खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होने पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को CBI ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 25 जून को लोअर कोर्ट के जमानत देने के आदेश को पलट दिया है। अब हम हाईकोर्ट के 25 जून के ऑर्डर के खिलाफ नई याचिका लगाएंगे। इसलिए मौजूदा याचिका को अब वापस लाना चाहते हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ED के वकील SV राजू की सहमति के बाद याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी।

तो वहीं, CBI और ED ने दिल्ली शराब नीति मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर अगस्त 2022 में केस दर्ज किए थे। दिल्ली शराब नीति मामले में ED और CBI का आरोप है कि केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली शराब नीति में हेरफेर करने के लिए साउथ ग्रुप के मेंबर्स से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। AAP ने घोटाले के रुपयों का एक हिस्सा 2022 में गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान इस्तेमाल किया था। इस तरह AAP ने केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया। साउथ ग्रुप दक्षिण के राजनेताओं, कारोबारियों और नौकरशाहों का ग्रुप है। इसमें अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर शरत रेड्डी, YSRCP के लोकसभा सांसद एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और कविता शामिल थे। इस ग्रुप का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचीबाबू ने किया था। तीनों ही शराब घोटाले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।


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