मुंबई, 4 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राहुल गाँधी पर चल रहे मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी। आपको बता दें, सुनवाई की नई तारीख अभी नहीं बताई है। राहुल गांधी की सांसदी जाने के 133 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर ही रोक लगा दी, जिसकी वजह से उनकी सांसदी गई थी। मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि केस में राहुल को निचली अदालतों ने 2 साल की सजा सुनाई थी।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा की हम जानना चाहते हैं कि ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम सजा क्यों दी, जज को फैसले में ये बात बतानी चाहिए थी। अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी को डिसक्वालिफाई नहीं किया जाता। अधिकतम सजा के चलते एक लोकसभा सीट बिना सांसद के रह जाएगी। यह सिर्फ एक व्यक्ति के अधिकार का ही मामला नहीं है, ये उस सीट के वोटर्स के अधिकार से भी जुड़ा मसला है। इस बात में कोई शक नहीं कि भाषण में जो भी कहा गया, वह अच्छा नहीं था। नेताओं को जनता के बीच बोलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। यह राहुल गांधी का कर्तव्य बनता है कि इसका ध्यान रखें।
आपको बता दें, राहुल ने 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई 21 जुलाई को हुई। कोर्ट ने शिकायतकर्ता और राहुल से जवाब दाखिल करने को कहा। इसके बाद 2 अगस्त को फिर बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। इसके बाद 4 अगस्त तक फैसला सुरक्षित रख लिया। इस केस में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार सुनवाई कर रहे है। वहीं, शिकायतकर्ता के वकील महेश जेठमलानी और राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी है।