मुंबई, 3 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली 23 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि आर्टिकल 370 को छेड़ा नहीं जा सकता है। इसके जवाब में जस्टिस खन्ना ने कहा कि इस आर्टिकल का सेक्शन (c) ऐसा नहीं कहता। इसके बाद सिब्बल ने कहा, मैं आपको दिखा सकता हूं कि आर्टिकल 370 स्थायी है। सुनवाई करने वाले पांच जजों में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।
तो वहीं, बीते दिन सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि आर्टिकल 370 खुद ही अपने आप में अस्थायी और ट्रांजिशनल है। क्या संविधान सभा के अभाव में संसद 370 को निरस्त नहीं कर सकती। इस पर जवाब देते हुए सिब्बल ने कहा था कि संविधान के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर से 370 को कभी हटाया नहीं जा सकता। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि आर्टिकल 370 के मुताबिक, संसद सिर्फ राज्य सरकार के परामर्श से जम्मू-कश्मीर के लिए कानून बना सकती है। 370 को निरस्त करने की शक्ति हमेशा जम्मू कश्मीर विधायिका के पास है। सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि पहले 370 अस्थायी था, लेकिन जब 1950 में संविधान सभा भंग हुई, तो ये अपने आप स्थायी आर्टिकल बन गया। अगर इसे हटाना है तो संविधान सभा की इजाजत लेनी होगी, लेकिन वो अब है ही नहीं, ऐसे में इसको हटाया नहीं जा सकता है।
आपको बता दें, बीते दिनों 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बिना किसी देरी के विधानसभा चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि अनुच्छेद 370 से जुड़ा मामला 11 जुलाई को लिस्टेड है और इसके बाद ही चुनाव को लेकर सुनवाई करेंगे।आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट में 3 साल बाद सुनवाई हो रही है। इससे पहले, 2020 में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी। तब अदालत ने कहा था कि हम मामला बड़ी संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं।