मुंबई, 01 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा है कि यदि अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) का कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन करता है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब धर्मांतरण बिल पर चर्चा चल रही थी, तब उन्होंने कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव रखा था। मीणा का कहना है कि चाहे धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से हो या दबाव में, ऐसे व्यक्ति को आरक्षण के अधिकार से वंचित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान के आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण की घटनाएं होती हैं। ऐसे में यह उचित नहीं है कि लोग एक ओर अनुसूचित जनजाति का आरक्षण लें और दूसरी ओर विदेशी मदद का भी लाभ उठाएं। विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने यह मुद्दा उठाया। धर्मांतरण के मुद्दे पर इससे पहले बांसवाड़ा-डूंगरपुर से बीजेपी सांसद मन्नालाल रावत भी आरक्षण समाप्त करने की मांग कर चुके हैं, जिस पर राजनीतिक विवाद खड़ा हुआ था। उस समय भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया था।
किरोड़ीलाल मीणा ने आगे कहा कि राज्य सरकार धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून ला रही है। विधानसभा के बजट सत्र में धर्मांतरण विरोधी बिल संशोधित रूप में पेश होगा। नए प्रावधानों के तहत इसमें उम्रकैद तक की सजा और 10 से 50 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने एसआई भर्ती मामले पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि परीक्षा दोबारा कराई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी परीक्षा में एक भी उम्मीदवार गलत तरीके से चुना गया हो तो पूरी परीक्षा रद्द हो सकती है। युवाओं से बातचीत में मीणा ने परिश्रम करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मेहनत से काम करने वालों को कभी हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1980 में वे चुनाव हार गए थे, लेकिन 1985 में लगातार प्रयास कर जीत दर्ज की। उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाया कि कड़ी मेहनत से सफलता दोबारा पाई जा सकती है।