मुंबई, 10 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इंडियन एयरफोर्स की महिला फ्लाइंग अफसर ने विंग कमांडर पर रेप का आरोप लगाया। जम्मू-कश्मीर के बडगाम में मामले को लेकर FIR दर्ज कराई गई है। दोनों अफसर श्रीनगर में ही पोस्टेड हैं। सूत्रों के मुताबिक एयरफोर्स ने बताया कि बडगाम के पुलिस स्टेशन ने हमें अप्रोच किया। हम केस में अथॉरिटीज के साथ सहयोग कर रहे हैं। हमें इस केस की जानकारी है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, FIR में महिला अफसर ने कहा कि वह पिछले दो साल से विंग कमांडर के हाथों हैरेसमेंट, सेक्शुअल असॉल्ट और मेंटल टॉर्चर झेल रही है। 31 दिसंबर 2023 को ऑफिसर मेस में हुई न्यू ईयर पार्टी में गिफ्ट देने के बहाने विंग कमांडर उसे अपने कमरे में ले गया और वहां उसके साथ रेप किया। महिला अफसर ने बताया कि न्यू ईयर पार्टी में विंग कमांडर ने उससे पूछा कि क्या उसे गिफ्ट मिल गया है। जब उसने कहा कि अभी नहीं मिला तो विंग कमांडर ने कहा कि गिफ्ट मेरे रूम में है। ऐसा कहकर वह महिला अफसर को अपने कमरे में ले गया। जब महिला अफसर ने पूछा कि आपका परिवार कहां है तो विंग कमांडर ने बताया कि सभी लोग कहीं गए हैं।
महिला अफसर ने कहा, अपने कमरे में विंग कमांडर ने मुझे ओरल सेक्स करने के लिए मजबूर किया और मेरा रेप किया। मैंने उन्हें बार-बार रुकने के लिए कहा और खुद को बचाने की पूरी कोशिश की। आखिरकार मैंने उन्हें धक्का दिया और वहां से भाग गई। विंग कमांडर ने मुझसे कहा कि वे मुझसे शुक्रवार को मिलेंगे, जब उनकी फैमिली चली जाएगी। महिला अफसर ने कहा कि मुझे ये समझ पाने में कुछ वक्त लगा कि मेरे साथ क्या हुआ। मैं डरी हुई थी और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। क्योंकि ऐसे कुछ मामले पहले भी हुए थे, जब मुझे शिकायत दर्ज कराने से रोका गया था। इस घटना के बाद विंग कमांडर मेरे ऑफिस आए। उन्होंने ऐसे बर्ताव किया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उनकी आंखों में कोई पछतावा नहीं था। विक्टिम ने कहा कि इसके बाद मैंने दो महिला अफसरों को इस घटना के बारे में बताया। उन्होंने मुझे शिकायत दर्ज कराने में मदद की। मैं बता नहीं सकती कि एक फौज में आने वाली अनमैरिड लड़की होने के नाते जिस तरीके से मुझे ट्रीट किया गया, उससे मानसिक रूप से मैं कितनी परेशान हुई।
महिला अफसर ने आगे कहा कि इस शिकायत के बाद कर्नल रैंक के अधिकारी ने मामले में जांच के आदेश दिए। इस साल जनवरी में दो बार मुझे और विंग कमांडर को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया। मैंने आपत्ति जताई कि मैं विंग कमांडर की मौजूदगी में अपना बयान नहीं दर्ज कराऊंगी। इसके बाद एडमिनिस्ट्रेशन की गलती छिपाने के लिए जांच ही बंद कर दी गई। इसके बाद मैंने इंटरनल कमेटी के पास नई एप्लिकेशन फाइल की। इस कमेटी ने दो महीने बाद मुझसे मुलाकात की। सेक्शुअल ऑफेंडर की मदद करने के लिए जिस तरीके से स्टेशन अथॉरिटीज ने काम किया, वह मेरे लिए दुखद रहा। मेरा मेडिकल चेकअप भी तब हुआ, जब मैंने कई बार इसके लिए जिद की।