मुंबई, 13 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। अब डॉक्टरों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मामले में दखल देने की मांग है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर भेजा। उन्होंने लिखा, आपका दखल हमें चारों ओर से घिरे अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा। देश के प्रमुख होने के नाते आपके सामने हम अपने मुद्दों को रख रहे हैं, ताकि हमारी बदकिस्मत साथी जो सबसे घृणित अपराध का शिकार हुई, उसे न्याय मिल सके और पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के तहत हम स्वास्थ्य पेशेवर डर और आशंका के बिना जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने में सक्षम हो सकें। इस मुश्किल समय में आपका हस्तक्षेप हम सभी के लिए प्रकाश की किरण के रूप में काम करेगा, जो हमें चारों ओर से घिरे अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा।
वहीं, CBI को रेप-मर्डर के आरोपी संजय रॉय के नार्को टेस्ट की इजाजत नहीं मिली। इसके लिए एजेंसी ने कोलकाता की कोर्ट में पिटीशन दायर की थी। अफसर ने बताया कि जब जज ने संजय से नार्को टेस्ट के बारे में पूछा तो वह राजी नहीं हुआ। साथ ही, ममता सरकार और डॉक्टरों के बीच 12 सितंबर को तीसरी बार चर्चा नहीं हो सकी। CM ममता ने सचिवालय नबन्ना में दो घंटे इंतजार किया, लेकिन डॉक्टर मीटिंग के लाइव टेलीकास्ट की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- मैं इस देश और दुनिया के लोगों से माफी मांगती हूं, जो उनका (डॉक्टरों) समर्थन कर रहे हैं, कृपया अपना समर्थन दें। मुझे समस्या नहीं है। अगर लोग चाहते हैं तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। हालांकि, जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि उन्हें सरकार के साथ बातचीत न हो पाने का दुख है। उन्हें ममता बनर्जी का इस्तीफा नहीं चाहिए। वे अब भी बातचीत के लिए तैयार हैं। हालांकि, वे बातचीत के लिए अपनी 4 शर्तों पर अड़े हुए हैं।