मुंबई, 20 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत के बाद अब अफगानिस्तान भी पाकिस्तान की ओर बहने वाले जल प्रवाह को नियंत्रित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। तालिबान सरकार द्वारा कुनार नदी पर डैम निर्माण की योजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इस परियोजना का हाल ही में तालिबान के आर्मी जनरल मुबीन ने दौरा किया, जिसका वीडियो बलूच नेता मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। डैम के निरीक्षण के दौरान जनरल मुबीन ने तालिबान सरकार से अपील करते हुए कहा कि यह पानी हमारे लिए खून के समान है और हम इसे अपनी नसों से यूं बहने नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि इस जल संसाधन का उपयोग अपनी जरूरतों के लिए किया जाना चाहिए, जिससे न केवल बिजली उत्पादन हो सकेगा, बल्कि कृषि उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
तालिबान के जल एवं ऊर्जा मंत्रालय के प्रवक्ता मतीउल्लाह आबिद के अनुसार, डैम का सर्वेक्षण और डिज़ाइन कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन निर्माण के लिए धन की आवश्यकता है। तालिबान सरकार का दावा है कि इस परियोजना के पूरा होने पर इससे लगभग 45 मेगावाट बिजली का उत्पादन संभव होगा और 1.5 लाख एकड़ कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। इससे देश में ऊर्जा संकट और खाद्य सुरक्षा की स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। कुनार नदी अफगानिस्तान के हिंदू कुश पर्वतों से निकलती है और पाकिस्तान में जाकर जलालाबाद के पास काबुल नदी से मिल जाती है। यह नदी पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत मानी जाती है। हालांकि अब तक पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस नदी या काबुल बेसिन की अन्य सहायक नदियों के जल बंटवारे को लेकर कोई औपचारिक समझौता नहीं है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर यह डैम बनता है तो इससे काबुल नदी में जल प्रवाह में 16 से 17 प्रतिशत की कमी आ सकती है, जिससे पाकिस्तान की जल आपूर्ति और कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तान पहले ही भारत द्वारा सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार और चिनाब नदी के स्लुइस गेट बंद किए जाने से दबाव में है।