अभिनेता राजकुमार राव ने 28 जुलाई 2025 को जलंधर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, जो कि 2017 की फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ से जुड़ी एक आठसाल पुरानी शिकायत के सिलसिले में था। मामला एक ऐसे पोस्टर और सीन से जुड़ा है, जिसमें राव भगवान शिव के रूप में मोटरसाइकिल चलाते हुएनजर आए थे। इस दृश्य को लेकर धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाते हुए एक स्थानीय राजनीतिक नेता ने शिकायत दर्ज करवाई थी।
इस केस में पहले कोर्ट की तरफ से ग़ैर-जमानती वारंट जारी किया गया था, क्योंकि राव समय-समय पर पेश नहीं हो पाए। बताया गया कि कोर्ट केसमन राजकुमार के पुराने पते पर भेजे गए थे, जिससे वह कोर्ट के आदेश से अनभिज्ञ रहे। जब उन्हें इस वारंट की जानकारी मिली, तो उन्होंने खुद सेकोर्ट में पेश होकर स्वेच्छा से आत्मसमर्पण किया।
कोर्ट में पेश होने के बाद, राव को शर्तों के साथ जमानत दे दी गई। कोर्ट ने उनकी सहयोगात्मक रवैये और पहले किसी कानूनी विवाद में ना होने कोध्यान में रखते हुए यह राहत दी। राजकुमार के वकील इस केस को रद्द कराने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर सकते हैं। उनका तर्क है कि फिल्म में जिससीन को लेकर विवाद हुआ, वह किसी को आहत करने की मंशा से नहीं, बल्कि फिल्म की काल्पनिक कहानी का हिस्सा था।
फिल्म बहन होगी तेरी एक हल्की-फुल्की रोमांटिक कॉमेडी थी, जिसे रिलीज़ के समय मिले-जुले समीक्षाएं मिली थीं। हालांकि पोस्टर और सीन कोलेकर उस समय भी थोड़ी बहस हुई थी। यह मामला एक बार फिर यह दिखाता है कि भारतीय सिनेमा में धार्मिक प्रतीकों का प्रयोग कितनासंवेदनशील मुद्दा बन सकता है—even सालों बाद भी।