देश के शेयर बाजार में आज सुबह से ही रौनक देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी दोनों ही शुरुआती कारोबार में मजबूती के साथ हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं। सेंसेक्स में जहां 349 अंकों की बढ़त दर्ज की गई, वहीं निफ्टी 97 अंकों की मजबूती के साथ ट्रेड कर रहा है।
सेक्टोरियल इंडेक्स में मिली-जुली चाल
शुरुआती कारोबार में अधिकतर सेक्टोरियल इंडेक्स ग्रीन जोन में हैं। निफ्टी आईटी, फार्मा, मेटल और बैंकिंग इंडेक्स में अच्छी खासी तेजी देखी गई है। इन सेक्टरों में मजबूत खरीदारी के संकेत हैं, जिससे बाजार को सपोर्ट मिला है। हालांकि, निफ्टी ऑटो इंडेक्स गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। ऑटो सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में से मारुति सुजुकी और महिंद्रा के शेयर नुकसान में नजर आए, जबकि हुंडई इंडिया के शेयरों में 0.69% की तेजी देखी गई। इस बीच, निफ्टी मिड कैप और लार्ज कैप इंडेक्स भी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
एशियाई बाजारों में मिला-जुला प्रदर्शन
भारत के अलावा एशिया के प्रमुख शेयर बाजारों में भी आज मिला-जुला रुख देखने को मिला। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 1% से अधिक की गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ। ताइवान का TAIEX इंडेक्स भी 1.34% गिरा। वहीं, दक्षिण कोरिया का KOSPI सूचकांक 0.093% की मामूली गिरावट के साथ ट्रेड करता नजर आया। दूसरी ओर, हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1.61% और चीन का SSE कंपोजिट इंडेक्स 0.30% की बढ़त हासिल करने में सफल रहा।
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर का असर अब बाजारों में भी साफ नजर आने लगा है। डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की नीतियों में टकराव तेज हो गया है। दोनों देशों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ लिए जा रहे फैसलों ने वैश्विक निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस संघर्ष से न केवल अमेरिका और चीन, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
अमेरिकी बाजार में गिरावट
ट्रेड वॉर की आशंकाओं और फेडरल रिजर्व के बयान से अमेरिका के शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले सत्र में नैस्डैक और डाओ जोन्स दोनों ही लाल निशान पर बंद हुए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के चेयरमैन ने चेताया है कि टैरिफ नीतियों से महंगाई और बेरोजगारी में इजाफा हो सकता है, जिससे निवेशकों की घबराहट और बढ़ गई है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार फिलहाल विदेशी संकेतों के बावजूद मजबूती के साथ कारोबार कर रहे हैं, लेकिन वैश्विक परिस्थितियों और अमेरिका-चीन तनाव के चलते निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। बाजार की दिशा आने वाले दिनों में वैश्विक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगी।