भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर सख्त रवैया अपनाते हुए देश के पांच बड़े बैंकों पर कुल 2.52 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। 2 मई 2025 को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रिजर्व बैंक ने यह कार्रवाई उन बैंकों द्वारा आरबीआई के नियामकीय दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के चलते की है।
इस कार्रवाई के दायरे में एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, IDBI बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे प्रमुख बैंक शामिल हैं। आइए जानते हैं किस बैंक पर कितने जुर्माने की घोषणा की गई और किन कारणों से ये दंड लगाए गए।
1. एक्सिस बैंक – ₹29.60 लाख का जुर्माना
उल्लंघन का कारण:
आरबीआई ने एक्सिस बैंक पर “आंतरिक/कार्यालय खातों के अनधिकृत संचालन” से जुड़े नियमों की अवहेलना के लिए यह जुर्माना लगाया है।
जुर्माने की तारीख: 29 अप्रैल 2025
आरबीआई का कहना: एक्सिस बैंक ने नियमन संख्या 2021-22 के अंतर्गत बैंकिंग दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं किया, जिससे यह जुर्माना लगाया गया।
2. ICICI बैंक – ₹97.80 लाख का सबसे बड़ा जुर्माना
उल्लंघन का कारण:
ICICI बैंक पर ‘साइबर सुरक्षा ढांचे’, ‘अपने ग्राहक को जानो (KYC)’ और ‘क्रेडिट और डेबिट कार्ड के संचालन’ से संबंधित निर्देशों का उल्लंघन पाया गया है।
क्यों गंभीर है यह मामला?
ICICI बैंक पर लगा यह जुर्माना सभी बैंकों में सबसे अधिक है और यह दर्शाता है कि बैंकिंग क्षेत्र में डिजिटल और साइबर सुरक्षा को लेकर RBI कितनी सख्त निगरानी रखता है।
3. बैंक ऑफ बड़ौदा – ₹61.40 लाख का जुर्माना
उल्लंघन का कारण:
ग्राहक सेवा में लापरवाही और बैंकों द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सेवाओं पर आरबीआई के दिशा-निर्देशों का पालन न करने के चलते यह जुर्माना लगाया गया है।
क्या कहा RBI ने?
ग्राहकों के साथ व्यवहार, सेवा गुणवत्ता और बैंकिंग लेन-देन में पारदर्शिता बनाए रखने में कोताही को आरबीआई गंभीरता से ले रहा है।
4. IDBI बैंक – ₹31.80 लाख का जुर्माना
उल्लंघन का कारण:
IDBI बैंक पर यह जुर्माना ‘किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कृषि ऋण पर ब्याज सहायता योजना’ में आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने के चलते लगाया गया है।
किस पर असर पड़ेगा?
यह मामला सीधे तौर पर कृषि और ग्रामीण क्षेत्र की बैंकिंग सेवाओं से जुड़ा है, जिससे किसानों के लिए दिए जाने वाले अल्पावधि ऋण पर असर पड़ सकता है।
5. बैंक ऑफ महाराष्ट्र – ₹31.80 लाख का जुर्माना
उल्लंघन का कारण:
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने KYC से जुड़ी प्रक्रियाओं में लापरवाही की, जिसके लिए उसे यह मौद्रिक दंड भुगतना पड़ा।
RBI की चेतावनी:
KYC उल्लंघन को आरबीआई एक संभावित सुरक्षा चूक मानता है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।
क्या यह जुर्माना ग्राहकों पर असर डालेगा?
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह सभी जुर्माने प्रशासनिक प्रकृति के हैं और इनका उद्देश्य संबंधित बैंकों को चेतावनी देना है कि वे नियामकीय दिशा-निर्देशों का पालन करें।
ग्राहकों के खातों, सेवाओं या जमा राशियों पर इसका कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा।
क्यों जरूरी है ये कार्रवाई?
रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर बैंकों की कार्यप्रणाली की निगरानी की जाती है। अगर कोई बैंक ग्राहकों की सुरक्षा, डेटा गोपनीयता या वित्तीय लेन-देन में लापरवाही करता है, तो उस पर मौद्रिक जुर्माना लगाया जाता है। इसका उद्देश्य केवल सज़ा देना नहीं, बल्कि बैंकिंग प्रणाली को अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाना भी होता है।
निष्कर्ष
इस कार्रवाई से यह साफ हो जाता है कि आरबीआई अब किसी भी तरह की लापरवाही या नियमों के उल्लंघन पर सख्त रुख अपनाए हुए है। यह बैंकों के लिए एक चेतावनी है कि वे अपने आंतरिक नियंत्रण और ग्राहक सेवा प्रणाली को बेहतर बनाएं।
यदि आपका खाता इन बैंकों में है तो घबराएं नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करें कि आप अपनी बैंकिंग से जुड़ी जानकारी और गतिविधियों पर नजर रखें और समय-समय पर अपने KYC दस्तावेज अपडेट कराते रहें।