डिजिटल पेमेंट सेक्टर की दिग्गज कंपनी पेटीएम (Paytm) के फाउंडर और CEO विजय शेखर शर्मा ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है। शर्मा ने 2.1 करोड़ एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन (ESOPs) को सरेंडर कर दिया है, जिनकी बाजार कीमत करीब 1,800 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह निर्णय खुशी से नहीं, बल्कि बाजार नियामक SEBI के दबाव के चलते लिया गया है। इस कदम को शर्मा के लिए एक बड़ा वित्तीय नुकसान माना जा रहा है।
SEBI के नियमों का उल्लंघन बना वजह
पिछले साल यानी 2024 में SEBI (सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने एक नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया था कि पेटीएम द्वारा शर्मा को दिए गए ESOPs नियमों का उल्लंघन करते हैं। SEBI के मुताबिक, जो व्यक्ति कंपनी के निर्णयों को प्रभावित करने की स्थिति में होता है—जैसे कि संस्थापक, प्रमोटर या बड़े शेयरधारक—उन्हें ESOPs नहीं दिए जा सकते।
इस नियम के चलते शर्मा को मजबूरन अपने 2.1 करोड़ ESOPs वापस कंपनी के ESOP पूल में डालने पड़े हैं।
कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में दी जानकारी
Paytm की पैरेंट कंपनी One97 Communications ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी कि विजय शेखर शर्मा ने कंपनी को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि वह अपने सभी ESOPs को तत्काल प्रभाव से सरेंडर कर रहे हैं। ये स्टॉक्स उन्हें 2019 में कंपनी की लिस्टिंग से पहले दी गई एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन स्कीम के तहत मिले थे।
अब ये स्टॉक्स ESOP पूल में वापस चले जाएंगे, जिससे भविष्य में अन्य कर्मचारियों को ये स्टॉक्स दिए जा सकेंगे।
क्या होते हैं ESOPs?
एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन (ESOPs) एक प्रकार की प्रोत्साहन योजना होती है, जिसके तहत कोई कंपनी अपने कर्मचारियों को कंपनी के शेयरों में हिस्सेदारी देती है। इससे कर्मचारियों का कंपनी के प्रति जुड़ाव बढ़ता है और वे कंपनी की सफलता में हिस्सेदार बनते हैं। आमतौर पर ये स्टॉक्स भविष्य की तारीख में फिक्स प्राइस पर खरीदने का विकल्प देते हैं।
पेटीएम के शेयरों का हाल
हाल ही में पेटीएम के शेयरों पर भी इसका असर देखने को मिला है। 17 अप्रैल 2025 को कंपनी के शेयर में 1% से अधिक की गिरावट देखी गई और यह 856.05 रुपये पर ट्रेड करता नजर आया। साल की शुरुआत से अब तक इसमें करीब 13.32% की गिरावट आ चुकी है।
इसकी एक वजह यह भी है कि पेटीएम नियमित विवादों और कानूनी जांच के घेरे में है। हाल ही में कंपनी पर ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने FEMA उल्लंघन के तहत 611 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया था।
विजय शेखर शर्मा की नेटवर्थ
Forbes के अनुसार, विजय शेखर शर्मा की नेटवर्थ 1.2 अरब डॉलर (लगभग ₹10,000 करोड़) से अधिक है। 2021 में पेटीएम की लिस्टिंग के समय उनकी हिस्सेदारी 14.7% थी। लेकिन ESOP पात्रता हासिल करने के लिए उन्होंने अपनी हिस्सेदारी 9.1% तक घटा दी थी। इसके लिए उन्होंने 30.97 करोड़ शेयर Axis Trustee Services को ट्रांसफर किए, जो Sharma Family Trust की ओर से काम करता है।
भविष्य पर क्या असर पड़ेगा?
शर्मा द्वारा ESOPs सरेंडर करने से न केवल उनकी व्यक्तिगत संपत्ति पर असर पड़ा है, बल्कि इससे पेटीएम की कार्यप्रणाली और कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर भी सवाल उठ सकते हैं। हालांकि, कंपनी ने यह साफ कर दिया है कि ये स्टॉक्स अब अन्य कर्मचारियों को देने के लिए उपलब्ध होंगे, जिससे आने वाले समय में टैलेंट को रिटेन करने में मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष
SEBI की सख्ती के चलते पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा को 2.1 करोड़ ESOPs का बलिदान देना पड़ा। यह घटना न केवल भारत की कॉर्पोरेट दुनिया में एक बड़ा उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अब बड़े कॉरपोरेट्स को नियमों के दायरे में रहकर पारदर्शिता के साथ काम करना होगा। शर्मा का यह कदम उनके लिए व्यक्तिगत रूप से भले ही घाटे का सौदा हो, लेकिन कंपनी की साख को बनाए रखने के लिए यह एक जरूरी और साहसिक फैसला कहा जा सकता है।